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पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा, मारे गए आतंकियों के पाकिस्‍तानी वोटर कार्ड: MHA सूत्र

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा, मारे गए आतंकियों के पाकिस्‍तानी वोटर कार्ड:  MHA सूत्र
Pahalgam Terror Attack
  • पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.
  • मारे गए आतंकियों के पाकिस्‍तानी वोटर कार्ड बरामद हुए हैं.
  • गृह मंत्रालय के सूत्रों से यह जानकारी मिली है.
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नई दिल्ली:

पहलगाम आतंकी हमले की घटना के बाद से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.  सुरक्षाबलों ने घाटी में कई आतंकियों को मार गिराया है. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मारे गए आतंकियों के पास से  पाकिस्‍तानी वोटर कार्ड बरामद हुए हैं ये कार्ड पुष्टि करते हैं कि ये आतंकी पाकिस्तानी थी. MHA सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है. इस बड़े खुलासे से पाकिस्तान के झूठ की कलई खुल गई है, जो लगातार झूठ बोलता आ रहा है कि हमले में उसका हाथ नहीं है. उसे संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य मंचों पर घेरने में भारत को मदद मिलेगी.

पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर NDTV की खबर पर मुहर लग गई है. एनडीटीवी ने मारे गए तीन आतंकियों के नाम चलाए हैं, वही आतंकियों के असली नाम हैं. आतंकियों के असली नामसुलेमान साहा ,अबू हमजा और यासिर थे. गृह मंत्रालय के नोट में खुलासा हुआ है.  28 जुलाई 2025 को भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया था. ऑपरेशन महादेव के दौरान जुटाए गए फॉरेंसिक, दस्तावेजी और गवाहों के बयानों से ये साफ है कि तीनों हमलावर पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा सीनियर कमांडर थे. वे हमले के दिन से ही दाचीगाम-हरवान के जंगलों में छिपे हुए थे. पहलगाम गोलाबारी में कोई स्थानीय कश्मीरी शामिल नहीं था.

आतंकियों के नाम और उनके कोड नेम
1- असली नाम - सुलेमान साह
कोड नेम - फैजल जट्ट 
कैटेगरी - A+
कमांडर    मास्टरमाइंड और मुख्य शूटर

2- असली नाम - अबू हमज़ा    
कोड नेम - अफगान
कैटेगरी - A+
कमांडर और दूसरा शूटर

3- असली नाम - यासिर
कोड नेम - जिब्रान
कैटेगरी A+
कमांडर    तीसरा शूटर 

आतंकियों के पाकिस्तानी सरकारी दस्तावेज बरामद हुए हैं. पाकिस्तान वोटर आईडी कार्ड मिला है. सुलेमान शाह और अबू हमजा की जेबों से पाकिस्तान चुनाव आयोग द्वारा जारी दो वोटर स्लिप मिली थीं. वोटर सीरियल नंबर लाहौर (NA-125) और गुजरांवाला (NA-79) के वोटर लिस्ट से मेल खाते हैं.

NADRA- स्मार्ट ID चिप
एक सैटेलाइट फोन में मिली माइक्रो-SD कार्ड से तीनों आतंकियों की बायोमेट्रिक जानकारी (फिंगरप्रिंट, फेस टेम्पलेट, पारिवारिक बैकग्राउंड) मिली जो पाकिस्तान की NADRA डेटाबेस से जुड़ी थी. उनके पते कसूर जिले के चंगा मंगा और POK के कोइयान गांव से जुड़े हैं।

पाकिस्तानी चॉकलेट
आतंकवादियों के पास से "कैंडीलैंड" और "चोकोमैक्स" (दोनों कराची स्थित कंपनियों द्वारा बनी) चॉकलेट के रैपर उसी बैग में मिले जिसमें अतिरिक्त मैगज़ीन रखे थे. रैपर पर छपे लॉट नंबर मई 2024 में मुज़फ्फराबाद, POK भेजे गए माल से मेल खाते हैं.

कश्मीर में एंट्री का रास्ता और टाइम लाइन

आतंकियों ने मई 2022  गुरेज सेक्टर से LOC पार की थी. आई की इंटरसेप्ट में पाकिस्तानी सीमा से पहला रेडियो चेक-इन
21 अप्रैल 2025  को मिला था. बैसरन घाटी के पास हिल पार्क में झोपड़ी में रुके    दो स्थानीय लोगों परवेज और बशीर जौठर ने पूछताछ में खाना देने और आश्रय देने की बात मानी. 22 अप्रैल 2025 सुबह बैसरन घाटी के मैदान तक पैदल चलकर आतंकी आए. सुलेमान शाह के जीपीएस डिवाइस से मिले वे पॉइंट्स वही थे जहां से फायरिंग हुई थी. 22 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 2:30 PM  फायरिंग कर दाचीगाम की ओर भागे. घटनास्थल से मिली गोलियों के खोल 28 जुलाई को बरामद AK-103 से मेल खाते हैं. फॉरेंसिक और तकनीकी पुष्टि हुई है. 

बैलिस्टिक रिपोर्ट
बैसारण में मिले 7.62 × 39 मिमी के खोखे 28 जुलाई को बरामद AK-103 राइफलों से 100% मेल खाते हैं।

डीएनए परीक्षण
फटे हुए कपड़े से मिला खून का डीएनए, दाचीगाम में मारे गए तीनों आतंकियों से मेल खाता है।

डिजिटल फुटप्रिंट
हुवाई सैटेलाइट फोन (IMEI: 86761204-XXXXXX) 22 अप्रैल से 25 जुलाई तक रोज़ाना Inmarsat-4 F1 पर पिंग कर रहा था। इसकी लोकेशन हरवान जंगल में 4 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ट्रायंगुलेट हुई।

शुरुआती गलत स्केच
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 24 अप्रैल को हाशिम मूसा, अली भाई उर्फ तल्हा, और स्थानीय आदिल हुसैन ठोकर के स्केच जारी किए थे. बाद में NIA ने स्पष्ट किया कि वे स्केच दिसंबर 2024 की एक अलग मुठभेड़ से मिले मोबाइल फोटो के आधार पर बनाए गए थे; असली हमलावर वे नहीं थे.

पाकिस्तान में कमांड और कंट्रोल चेन
हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का आतंकी साजिद सैफुल्लाह जट्ट जो LeT का दक्षिण कश्मीर प्रमुख है और चंगा मंगा, लाहौर का रहने वाला है.वो लगातार आतंकियों के संपर्क में था. बरामद सैट-फोन की वॉयस सैंपल उसकी पहले की इंटरसेप्टेड कॉल से मेल खाती है. लश्कर ए तैयबा का रावलकोट प्रमुख रिजवान अनीस 29 जुलाई को मारे गए आतंकियों के परिवारों से मिला और ग़ायबाना नमाज़ का आयोजन किया. इस घटना को स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया और अब वह भारत के आधिकारिक डोजियर में शामिल है.

ये अकाट्य सबूत मिले
NADRA स्मार्ट डेटा 
वोटर ID    
 भाषा प्रोफ़ाइल    
बैलिस्टिक्स    हथियार और कारतूस की रिपोर्ट
हिरासत में गवाही, 2 स्थानीय सहायकों के बयान    
डिजिटल डेटा    सैटेलाइट फोन लॉग, GPS डेटा

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