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Gangotri Dham: शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री के कपाट, अब मुखबा में होंगे मां गंगा के दर्शन

Gangotri ke Kapat Band: शीतकाल के शुरू होते ही चारधाम यात्रा का समापन होने लगा है. इसकी शुरुआत अमृतवाहिनी गंगा के मंदिर यानि गंगोत्री धाम से हुई, जिसके कपाट आज गोवर्धन पूजा के दिन बंद कर दिये गये. गंगोत्री के कपाट बंद होने के बाद अब 6 महीने तक कहां होगा उनका दर्शन और पूजन, जानने के लिए पढ़ें ये लेख. 

Gangotri Dham: शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री के कपाट, अब मुखबा में होंगे मां गंगा के दर्शन
Gangotri Dham: शीतकाल के लिए गंगोत्री धाम के कपाट बंद
File Photo

Gangotri shrine portals closed: सर्दियों की दस्तक देने के बाद अब उत्तराखंड की पवित्र चार धाम यात्रा अब समाप्ति की ओर है. आज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष यानि गोवर्धन पूजा के दिन अमृतवाहिनी गंगा के पावन धाम गंगोत्री के कपाट बंद हो गये. अब गंगोत्री धाम के कपाट पूरे छह महीने बाद सर्दियों के खत्म होने पर खुलेंगे. गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद गंगा माता की मूर्ति को डोली यात्रा के जरिए उनके शीतकालीन पड़ाव यानि मुखबा लाया जाएगा, जहां शीतकाल में उनके भक्त दर्शन और पूजन कर सकेंगे. 

आज रात्रि मां गंगा यहां पर करेंगी विश्राम
कपाट बंद होने पर गंगोत्री धाम से गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर मुखवा गांव लाया जायेगा. जहां गंगा जी की उत्सव प्रतिमा गंगा मंदिर में शीतकाल में विराजमान रहेंगी. इससे पूर्व आज मां गंगा की विग्रह डोली मुखबा से तीन किमी पहले मार्कंडेय के अन्नपूर्णा मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. उसके बाद मां गंगा भैयादूज के दिन मुखबा में 6 माह के लिए विराजमान होगी.

हर साल क्यों बंद होते हैं गंगोत्री के कपाट

उत्तराखंड के चार धाम फिर चाहे वह गंगोत्री हो या फिर यमुनोत्री या फिर ब्रदीनाथ और केदारनाथ, हर साल सर्दियों के दस्तक देते ही यहां के कपाट बंद होने की तैयारियां शुरु हो जाती है. चूंकि यहां पर पूरे छह महीने बर्फबारी के चलते कड़ाके की ठंड पड़ती है, इसलिए इन दिनों यहां चारधाम यात्रा नहीं होती और चारों मंदिर के कपाट बंद कर दिये जाते हैं. 

कल भाईदूज पर बंद होंगे यमुनोत्री के कपाट

गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद कल कार्तिक शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि यानि 23 अक्टूबर 2025 को भाई दूज के पर्व पर मां यमुना के पावन यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे. सर्दियों के दौरान यमुनोत्री धाम के कपाट भी पूरे छह महीने बंद रहेंगे. इस दौरान भक्तगण मां यमुना की उत्सव मूर्ति के दर्शन खरसाली में कर सकेंगे. 

कहां है गंगोत्री धाम 

हिंदू धर्म में गंगोत्री को अमृतवाहिनी गंगा का उद्गम स्थल मानते हैं. इसे चार धाम यात्रा अत्यधिक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. यही वही पावन स्थान है, जहां से मां गंगा की पावन यात्रा प्रारंभ होती है. उत्तरकाशी के पास स्थित इस पावन धाम के बारे में मान्यता है कि यहां पर दर्शन और पूजन से व्यक्ति के सभी दोष दूर और कामनाएं पूरी होती हैं. इस साल बरसात में मौसम की खराबी के कारण गंगोत्री की यात्रा काफी प्रभावित हुई थी. ऐसे में अब गंगोत्री के कपाट बंद होने के बाद यहां के कारोबारियों की शीतकालीन यात्रा से उम्मीदें बनी हुई हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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