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भोलेनाथ के ये पांच मूल मंत्र जीवन में भर देंगे सकारात्मकता, खुशियों का होगा आगमन

भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होती हैं, लेकिन अगर आप भी भोलेनाथ की तरह भोले भाले और सच्चे दिल के बनना चाहते हैं, तो उनकी यह पांच सीख को जरूर फॉलो करें.

भोलेनाथ के ये पांच मूल मंत्र जीवन में भर देंगे सकारात्मकता, खुशियों का होगा आगमन
यह तो हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव के उपासक न सिर्फ देवी-देवता बल्कि असुर भी थे.

5 Lesson From Lord Shiva : सनातन धर्म में देवों के देव महादेव (Mahadev) को ब्रह्मा और विष्णु के साथ पूजा जाता हैं, तभी तो कहते हैं ब्रह्मा विष्णु महेश की कृपा से सारे दुख-दर्द को दूर कर सुख-शांति और समृद्धि पाई जा सकती है. भगवान भोलेनाथ (Bholenath) को प्रसन्न करना बहुत आसान है. वैसे तो सोमवार के दिन भगवान शिव के संग मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है और अगर आप अपने जीवन में अपार खुशियां चाहते हैं, तो भगवान शिव (Lord Shiva teaching) की महत्वपूर्ण बातों को जीवन में जरूर अपनाएं. कहते हैं कि महादेव की विशेष बातों का पालन करके आप उनकी असीम कृपा पा सकते हैं. इतना ही नहीं महादेव की इन बातों को अपनाकर आप अपने जीवन में तरक्की कर सकते हैं, आपके रुके हुए काम जल्दी पूरे होंगे और महादेव का आशीर्वाद भी आप पर बना रहेगा.

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जीवन में अपनाएं महादेव की ये 5 बातें

शांति से होंगे सारे काम

भगवान शिव के छवि की बात करें, तो उन्होंने मस्तक पर चंद्र धारण किया हुआ हैं. चंद्रमा शांति और शीतलता का प्रतीक होता है, इससे हमें सीख मिलती है कि जीवन में किसी भी परिस्थिति में शांति बनाए रखना बहुत जरूरी होता है. अगर हम मन पर काबू करके जीवन में शांति बनाए रखते हैं, तो व्यक्ति को सफलता भी मिलती है और उसका मन व्याकुल नहीं होता है.

मदद करने का भाव

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान सभी देवी-देवों को बचाने के लिए खुद विष ग्रहण किया था. इससे हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में दूसरों की अगर हम मदद करेंगे, तो इससे विश्व कल्याण होगा और हमारे जीवन में भी अपार सफलता मिलेगी. साथ ही दूसरों की मदद करने का भाव भी हमारे मन में आएगा.

पत्नी का सम्मान करना

यह तो हम सभी जानते हैं कि महादेव ने मां पार्वती के रौद्र रूप काली मां को शांत करने के लिए उनके पैरों के नीचे आना तक स्वीकार कर लिया था. उन्होंने कभी में नर-नारी में भेद नहीं किया था, इससे हमें यह सीख मिलती है कि पत्नी और हर एक महिला का सम्मान करना चाहिए और उन्हें देवी की तरह पूजना चाहिए.

सोच विचार कर निर्णय लेना

भगवान शिव के तीन नेत्र होने की वजह से उन्हें त्रिकालधारी कहा जाता है. महादेव के तीसरे नेत्र से इस बात की सीख मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में हमें बिना सोच विचार किए निर्णय नहीं लेना चाहिए, हमेशा अपने मस्तिष्क की तीसरी आंख यानी कि सिक्स सेंस को खोलकर ही निर्णय लेना चाहिए.

समानता का भाव

यह तो हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव के उपासक न सिर्फ देवी-देवता बल्कि असुर भी थे. अपने हर एक भक्त के लिए भगवान एक समानता का भाव रखते हैं. इससे हमें सीख मिलती है कि सभी लोगों के प्रति हमें एक समान भाव रखना चाहिए और सभी को एक दृष्टि से देखना चाहिए.

भगवान शिव के व्यक्तित्व से इन पांच चीजों को सीख कर आप भी एक सरल और साफ हृदय वाले इंसान बन सकते हैं और यकीन मानिए कि इन चीजों को अपनाकर अपना सिर्फ अपने दुख और कष्ट को दूर करेंगे, बल्कि सुख शांति और समृद्धि को भी पा सकेंगे. इसके साथ ही सोमवार के दिन महादेव की सच्चे मन से पूजा और व्रत करने से मनचाहा वर मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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