
Dussehra 2025: श्री राम की 10 खास बातें जो आपको जानना चाहिए
10 Divine qualities of Lord Rama: हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम राम की रावण पर विजय के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. सनातन धर्म में भगवान राम एक ऐसे देवपुरुष हैं, जिनका संबंध जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति के साथ जुड़ा रहता है. कौशल्यानंदन राम जैसे आज्ञाकारी पुत्र की कामना सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि सभी धर्मों से जुड़े लोग करते हैं. शायद यही कारण कि भगवान राम की लीला का मंचन न सिर्फ भारत बल्कि उसकी सीमाओं से परे तमाम देशों में होता है. आइए दशहरे के महापर्व पर अयोध्या के राजा राम से जुड़ी 10 बड़ी बातों को जानते हैं.
- हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान राम का जन्म देवी-देवताओं की प्रार्थना पर पृथ्वी से अधर्म का नाश करने और धर्म को स्थापित करने के लिए मनुष्य योनि में हुआ था. प्रभु श्री राम को भगवान श्री विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है.
- भगवान राम के जीवन में सात अंक का बड़ा महत्व है. जहां वे श्री हरि के सातवें अवतार हैं, वहीं उनके गुणों का गान करने वाली श्री रामचरितमानस में कुल सात कांड - बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड हैं.
- भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्लपक्ष नवमी तिथि पर हुआ था. मान्यता है कि भगवान राम का बाल रूप देखने के लिए देवों के देव महादेव एक ज्योतिषी बनकर अयोध्या पहुंचे थे.
- भगवान राम ने अपनी ईश्वरीय शक्ति का कभी सहारा नहीं लिया. ढाई दो पग में इहलोक ओर परलोक को नापने वाले श्री हरि के अवतार गंगा नदी को पार करने के लिए भी निषादराज की मदद लेते हैं.
- श्री हरि के अवतार भगवान राम दैवीय गुणों से युक्त होने के बाद भी आमजन से लेकर पशु-पक्षी तक से बड़ी विनम्रता और सरलता के साथ व्यवहार करते थे. समुद्र देवता पर भी क्रोध करने से पहले उन्होंने कई दिनों तक उनसे विनम्रता के साथ मार्ग देने का अनुरोध किया था.
- भगवान राम अपने वचन के बहुत पक्के थे. वे अपने कुल की रीति के अनुसार प्राण जाए पर वचन न जाए की परंपरा का आजीवन पालन करते हैं फिर चाहे पिता को दिया वचन हो या फिर सुग्रीव और विभीषण को मदद करने का वचन रहा हो.
- भगवान राम प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान व्यवहार करते थे. उन्होंने अपने जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को आदर और सम्मान दिया फिर चाहे कुबड़ी दासी मंथरा हो या फिर निषादराज केवट.
- भगवान राम ने पृथ्वी से अधर्म का नाश और दुष्टों का संहार करने के लिए अवतार लिया था. उन्होंने अपने जीवनकाल में कभी भी किसी चीज का निजी लाभ उठाया. बालि का वध करके सुग्रीव को उसका हक दिलाया तो वहीं रावण का वध करके विभीषण को उसका राजा बना दिया.
- अयोध्या के राजा के रूप में भगवान श्री राम ने एक ऐसी मिसाल पेश की आज भी किसी अच्छे शासनकाल को रामराज्य की उपमा दी जाती है. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान राम के राज्य में कोई भी भूखा नहीं सोता था और किसी को कोई दुख या बीमारी नहीं होती थी. सभी सुखी, संपन्न और निरोगी होते थे.
- सनातन परंपरा में राम नाम को सबसे बड़ा रत्न और मंत्र माना जाता है. मान्यता है कि भगवान राम के नाम में इतनी शक्ति है कि इसका श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करने से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकल आता है. गौरतलब है कि हनुमान जी अपनी सभी शक्तियों का प्रयोग प्रभु श्री राम का नाम लेकर ही किया करते थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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