Chaturmas 2022: चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) से हो रही है. इस बार चातुर्मास की शुरुआत 10 जुलाई यानी आज से हो रही है. वहीं चातुर्मास (Chaturmas) की समाप्ति देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) के दिन होगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चातुर्मास की अवधि में भगवान विष्णु (Lord Shiv) योगनिद्रा में रहते हैं. इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. हालांकि पूजा-पाठ में किसी भी प्रकार की मनाही नहीं होती है. बल्कि इस दौरान भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा (Shiv Puja) करना अत्यंत फलदायी माना गया है. आइए जानते हैं कि चातुर्मास में कौन-कौन से कार्य करने चाहिए ताकि भगवान की कृपा प्राप्त हो सके.
चातुर्मास में किए जाते हैं ये 5 शुभ काम | These 5 auspicious things are done in Chaturmas
धार्मिक मान्यता के अनुसार चातुर्मास (Chaturmas) के दौरान दिन में एक बार ही भोजन करना चाहिए. कहा जाता है कि सावन, भादव, आश्विन और कार्तिक मास में पाचन शक्ति कमजोर रहती है. साथ ही इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
चातुर्मास (Chaturmas) के दौरान भगवान शिव (Shiv) और भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत शुभ मानी गई है. ऐसे में इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम, शिव चालीसा और शिवजी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से शिव जी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
चातुर्मास (Chaturmas) के दौरान इंसान को रोजाना सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए. उसके बाद स्नान करके भगवान का ध्यान करना शुभ माना गया है.
चातुर्मास (Chaturmas) में 5 प्रकार के दान का खास महत्व है. इस दौरान अन्न, वस्त्र, छाया दान, दीप दान और मंदिर में श्रम दान किया जाता है. मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान ऐसा करने से भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, चातुर्मास के सावन (Sawan) में हरे शाक, भादो में दही, आश्विन में दूध और कार्तिक के महीने में दालों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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