बनारस के बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में जा कर स्पर्श दर्शन करने के लिए एक पारम्परिक ड्रेस कोड लागू हो सकता है. इस विषय पर काशी विद्वत परिषद् की रविवार को हुई बैठक में चर्चा की गई. इस बैठक में प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री के साथ काशी के विद्वान् लोग शामिल हुए. इस दौरान चर्चा की गई कि गर्भ गृह में जाकर दर्शन करने के लिये एक पारम्परिक ड्रेस कोड जारी किया जा सकता है. तय किए गए ड्रेस कोड को काशी विश्वनाथ न्यास भी श्रृद्धालुओं को उपलब्ध करा सकता है लेकिन ये ड्रेस कोड क्या हो, कैसा हो, इस पर अभी और विचार होगा क्योंकि ये अभी पहली बैठक थी जिसमें इस तरह का विचार रखा गया है.
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बनारस जिले के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि ड्रेस कोड के लिए अभी प्रारम्भिक बैठक हुई है. उनके मुताबिक, "इसका समय क्या होगा, ड्रेस क्या होगा, इस पर अभी हम लोग और चर्चा करेंगे अभी इसमें कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. जल्दी ही इसका एक रूप बना कर आगामी जो न्यास की बैठक होगी उसमे इसको रख कर फिर हम लोग अंतिम निर्णय लेंगे."
ड्रेस कोड के रूप में जो चर्चा हुई, उसमे पुरुष के लिए धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी रखने पर विचार हो रहा है और दर्शन का समय सुबह मंगला आरती के बाद और 11 बजे भोग आरती के पहले का हो सकता है.
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