Deepak niyam : हिन्दू धर्म के मानने वाले शाम के समय मुख्य द्वार पर और भगवान के पास दिपक जरूर जलाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है. इतना ही नहीं जीवन की नकारात्मकता, दरिद्रता, रोग, कष्ट दूर हो जाते हैं. दीपक सकारात्मकता का प्रतीक होता है. दीया जलाने के कुछ नियम हैं जिसे अपनाने से आप पर देवी लक्ष्मी (devi lakshmi) की कृपा बनी रहेगी. दीपक जलाते समय अगर आप मंत्रोच्चारण करें तो लाभ प्राप्त होगा. तो चलिए जानते हैं उसके बारे में.
दीपक जलाने का मंत्र | deepak jalane ka mantr
- शुभम करोति कल्याणं,आरोग्यं धन संपदाम्,शत्रु बुद्धि विनाशाय,दीपं ज्योति नमोस्तुते. इस मंत्र अर्थ यह है कि शुभ और कल्याण करने वाली,आरोग्य और धन संपदा देने वाली,शत्रु बुद्धि का विनाश करने वाली दीपक की ज्योति को नमस्कार है.
- दीपक को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए. बल्कि कीसी अन्न के ऊपर रखना चाहिए. पूजा करते समय दीपक जब जलाएं तो उसे बूझने ना दें. वहीं, दिए को हमेशा भगवान के सामने जलाना चाहिए. टूटे हुए दिए को बिल्कुल ना जलाएं.
-वास्तु नियमों के अनुसार, अखंड दीपक पूजा स्थल के आग्नेय कोण में रखा जाना चाहिए. ऐसा करने से शत्रुओं का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है.
-घी का दीपक जलाने से घर में मौजूद रोगाणु नष्ट हो जाते हैं. जो लोग सुबह शाम घर में दिपक जलाते हैं वहां, पर सकारात्मकता का निवास रहता है.
-शनि और मंगल की कृपा पाने के लिए मिट्टी का दीपक जलाएं और सिद्धियां पाने के लिए आटे के बने दिपक. वहीं, सूर्य और गुरु की कृपा पाने के लिए सोने की दीपक जलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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