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This Article is From Jul 10, 2022

Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को सुलाने के लिए ये मंत्र है खास, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Devshayani Ekadashi 2022: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. जिसके बाद भगवान 4 महीने के लिए शयन में चले जाते हैं.

Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को सुलाने के लिए ये मंत्र है खास, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Devshayani Ekadashi 2022: इस बार देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को पड़ रही है.

Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी बेहद फलदायी मानी जाती है, इसलिए इस व्रत का विशेष महत्व है. पंचांग की गणना के मुताबिक एक साल में 12 एकदाशी पड़ती है. प्रत्येक एकादशी (Ekadashi) का अपना अलग-अलग महत्व है. आषाढ़ (Ashadh) कृष्ण पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) कहते हैं. मान्यता है कि इस एकादशी से अगले 4 महीने के लिए भगवान विष्णु (Lord Vishnu) शयन में चले जाते हैं. जिसके बाद कार्तिक मास में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जगते हैं. चार महीने की इस अवधि को चतुर्मास (Chatur Maas 2022) कहते हैं. इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. साल 2022 में देवशयनी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा. आइए जानते हैं कि देवशयनी एकादशी कब है, पूजा विधि क्या है और भगवान को सुलाने का मंत्र क्या है. 

देवशयनी एकादशी 2022 तिथि | Devshayani Ekadashi 2022 Date

पंचांग के मुताबिक इस बार देवशयनी एकादशी 10 जुलाई, रविवार के दिन पड़ने वाली है. एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जुलाई को शाम 4 बजकर 39 मिनट पर होगा और एकादशी तिथि की समाप्ति 10 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट पर होगी. 

देवशयनी एकादशी पूजा विधि | Devshayani Ekadashi 2022 Puja Vidhi

देवशयनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शौच-स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहने जाते हैं. इसके बाद पूजा स्थान सहित घर के कोने-कोने को गंगाजल से शुद्ध किया जाता है. इसके बाद पूजा स्थान पर पूर्व-उत्तर दिशा में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र की स्थापना की जाती है. भगवान विष्णु का षोडशोपचार पूजन किया जाता है. साथ ही उन्हें पीले वस्त्र, पीले चंदन और पीले फूल अर्पित किए जाते हैं. फिर भगवान को पंचामृत का भोग लगाया जाता है. अंत में देवशयनी एकदशी की व्रत कथा की जाती है और पूजन के अंत में आरती के बाद प्रसाद बांटा जाता है. 


देवशयनी एकादशी पर भगवान को सुलाने का मंत्र


धार्मिक मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी पर भक्त उन्हें सुलाते हैं. भगवान को सुलाने के लिए विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है. इस दिन से भगवान विष्णु 4 माह के लिए शयन यानि योग निद्रा में चले जाते हैं. इसलिए इस दिन भगवान को सुलाते वक्त "सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जनत्सुप्तं भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचम्" इस मंत्र का जाप कर भगवान को विधिवत सुलाया जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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