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This Article is From Nov 20, 2016

वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम और डायनिंग रूम का रंग देता है सुकून और निर्णय लेने क्षमता

वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम और डायनिंग रूम का रंग देता है सुकून और निर्णय लेने क्षमता
फाइल फोटो
इसमें कोई संदेह नहीं कि घर का वातावरण व्यक्ति के मन, विचार और कर्म को गहराई से प्रभावित करता है. बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि जैसा घर का वातावरण होता है, हमारे विचार भी वैसे ही होते हैं. अनेक घरों में तनाव, लड़ाई, क्लेश आदि होते हैं, कई बार इनका कारण घर का वास्तुदोष भी होता है.

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, इन वास्तुदोषों में एक कारण घर की दीवारों का रंग भी बहुत मनुष्य को बहुत प्रभावित करता है. आइये जानते हैं, वास्तुशास्त्र की पुस्तकों में घर की कमरे के दीवारों के रंग के बारे में क्या कहा गया है:

शयन कक्ष/बेडरूम
बेडरूम की दीवारों पर वैसे रंग नहीं लगाने चाहिए जो गहरे हों और और आंखों को को चुभे. इस कमरे को हल्के और वैसे रंग से पुताना या रंगवाना चाहिए, जो मन में शांति और सौम्यता उत्पन्न करने वाला हो.

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, सामान्यतः ये आसमानी, हल्का गुलाबी, हल्का हरा और क्रीम कलर के हों तो उत्तम है.

भोजन कक्ष/डायनिंग रूम
घर में डायनिंग रूम एक ख़ास महत्त्व रखता है. यहां घर के सदस्य साथ भोजन करते है. बहुत बार भोजन के दौरान अनेक महत्वपूर्ण डिसीजन भी लिए जाते हैं. इसलिए इस कमरे में वैसे रंग का का इस्तेमाल करना चाहिए, जो घर के सदस्यों को एक-दूसरे से जोड़ने और निर्णय लेने में सहायक हो.

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, इस कमरे के लिए हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग अच्छा माना गया है.

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Vastu Shastra, Color Of Bedroom As Per Vastu, Color Of Dining Hall As Per Vastu, वास्तु शास्त्र, वास्तु टिप्स
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