छठी मइया को अर्घ्य देने का आखिरी शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली:
Chhath Puja 2018: छठी मइया (Chhathi Maiya) को ऊषा अर्घ्य या भोरवा घाट या फिर बिहनिया अर्घ्य 14 नवंबर सुबह घाट, तालाब या फिर नदी किनारे पर दिया जाएगा. छठ पूजा का ये दूसरा और आखिरी अर्घ्य होगा. इसके साथ साल 2018 के छठ पर्व (Chhath Parv) का समापन हो जाएगा. इस अर्घ्य के बाद छठी मइया (Chhathi Maiya) के लिए बनाए गए खास ठेकुए और प्रसाद को लोगों में बांटा जाएगा. छठ पर्व के आखिरी दिन भक्त प्रसिद्ध छठी मइया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचते हैं. वहीं, आजकल भोजपुरी गानों का ट्रेंड (Latest Bhojpuri Song) है. घाट पर ही फेमस भोजुपरी स्टार्स (Bhojpuri Stars) जैसे पवन सिंह (Pawan Singh), अंजली भारद्वाज (Anjali Bhardwaj), खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav), काजल राघवानी (Kajal Raghwani) और रंजना सिंघ (Ranjana Singh) के इन्हीं भोजपुरी छठ गानों (Bhojpuri Chhath Songs) की धुन हर जगह सुनाई देती है.
इनके प्रसिद्ध गाने जैसे छठी माई (Chhathi) के घटवा पर आजन बाजन बाजा बाजा बाजी बहू, कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाये और ऊ जे मरबो रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरछाय जैसे भोजपुरी गाने (Bhojpuri Gaane) गाए और बजाए जाते हैं. इन्हीं गानों के साथ झूमते हुए हंसी-खुशी छठी मइया को अर्घ्य देकर संतान प्राप्ति और उनके अच्छे भविष्य की कामना की जाती है.
बता दें, हर साल दिपावली (Deepavali) के छठे दिन यानी कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व (Chhath Parv) मनाया जाता है. छठी मइया की पूजा (Chhathi Maiya Ki Puja) की शुरुआत चतुर्थी को नहाए-खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना या लोहंडा (इसमें प्रसाद में गन्ने के रस से बनी खीर दी जाती है). षष्ठी (13 नवंबर) को शाम और सप्तमी (14 नवंबर) सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जाती है. इस बार छठ पूजा 11 से 14 नवंबर तक है. यहां जानिए 14 नवंबर को दूसरा और आखिरी अर्घ्य किस समय दिया जाएगा.
सूर्य उगने का समय (दूसरा अर्घ्य)
14 नवंबर सूर्य उगने का समय - सुबह 06:39
वहीं, साल 2019 में 2 नवंबर को छठ पूजा मनाई जाएगी.
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