सोमवती अमावस्या मंत्र | Somvati Amavasya Mantra
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू
अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका
गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्
ॐ पितृभ्य: नम
ऊँ नम: शिवाय मंत्र
ॐ कुल देवताभ्यो नमः
ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
सोमवती अमावस्या पर क्या करें | What to do on Somvati Amavasya
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ दोष के छुटकारा पाने के लिए इस दिन पतरों को जल अर्पित किया जाता है. इसके अलावा इस दिन पिंडदान का भी खास महत्व है.
सोमवती अमावस्या के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना अच्छा माना गया है. इसके अलावा इस दिन शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे- काले जूते, काली उड़द, छाता, सरसों तेल का दान किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं.
सोमवती अमावस्या के दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से जीवन के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं.
सोमवती अमावस्या के दिन शनि देव, हनुमानजी, भगवान शिव, भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं. मान्यता है कि इनकी पूजा से जीवन में सकारात्मकता आती है. जिससे जीवन खुशहाल रहता है. अगर इस दिन नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो ऐसे में नहाने का पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.
सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए वट वृक्ष में जल देकर उसकी परिक्रमा की जाती है. इसके अलावा इस दिन जरुरतमंदों के बीच दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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