Chanting Mantra While Tying Kalava: ये तो हम सभी जानते हैं की पूजा में तिलक का जितना महत्व है उतना ही कलावे का भी. हम मंदिर में दर्शन करने जाएं या फिर घर में पूजा अनुष्ठान करवाएं, कलावा बांधे बिना पूजा सम्पूर्ण नहीं मानी जाती. घर में किसी भी तरह का पूजा या अनुष्ठान होने पर रक्षा सूत्र बांधना बहुत ही शुभ माना जाता है. पूजा के दौरान या मंदिर में कलावा तो आपने कई बार बंधवाया होगा लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि हाथ में रक्षा सूत्र बंधवाना जितना जरूरी है, उतना ही बंधवाते समय मंत्र का उच्चारण करना भी मायने रखता है. ज्योतिष के मुताबिक कलावा बांधते वक्त खास मंत्र का उच्चारण करने से फल दुगना हो जाता है.
पुजारी क्यों करते हैं मंत्रोच्चारण
आप में से कई लोगों ने इस बात पर ध्यान दिया होगा कि जब भी मंदिर में पुजारी से कलावा बंधवाते हैं, तो वो बांधते वक्त मंत्र उच्चारण भी करते हैं. पर अक्सर हम मंत्र को समझ नहीं पाते या फिर उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. तो अगर आप भी ये जानना चाहते हैं कि कलावा बंधवाते वक्त किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए और इससे क्या लाभ होते हैं तो आइए हम बताते हैं.
मंत्र
" ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल "
कलावा बांधने के नियम
जिस तरह पूजा के अलग नियम होते हैं ठीक उसी तरह कलावा बांधने के भी कुछ नियम हैं :
- नियमों के अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को हमेशा अपने दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए.
- वहीं शादीशुदा महिलाओं को अपने बाएं हाथ में कलावा बंधवाना चाहिए.
- इस बात का खास ध्यान रखें कि कलावा बंधवाते वक्त आपकी मुट्ठी बंद होनी चाहिए और दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए.
- इसके अलावा इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि मौली कहीं पर भी बंधवाएं इसे तीन बार ही लपेटें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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