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चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत आज रखा जाएगा, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महादेव के मंत्र 

Chaitra Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. यहां जानिए इस महीने चैत्र माह के पहले प्रदोष व्रत में किस तरह भगवान शिव की पूजा संपन्न होगी. 

चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत आज रखा जाएगा, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महादेव के मंत्र 
Pradosh Vrat Kab Hai: मार्च माह में रखा जाएगा चैत्र मास का पहला प्रदोष व्रत. 

Pradosh Vrat Date: प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की उपासना की जाती है. मान्यतानुसार पूरे मनोभाव से भगवान शिव की पूजा की जाए तो जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं, आरोग्य का वरदान मिलता है और भगवान शिव भक्तों के जीवन को सुखमय बना देते हैं. वहीं, माना जाता है कि प्रदोष व्रत में भोलेनाथ की उपासना करने पर भगवान शिव (Lord Shiva) भक्तों की सभी मनोकामनाएं सुनते हैं. ऐसे में यहां जानिए चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा, यह कौनसा प्रदोष व्रत होगा, किस शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) में भगवान शिव की पूजा की जा सकेगी और महादेव के किन मंत्रों का जाप करने पर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होगा. 

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चैत्र माह के पहले प्रदोष व्रत की तिथि | First Pradosh Vrat Of Chaitra Month Date 

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 मार्च की रात 1 बजकर 43 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 27 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट पर हो जाएगा. प्रदोष व्रत की पूजा (Pradosh Vrat Puja) प्रदोष काल में की जाती है इसीलिए प्रदोष व्रत 27 मार्च, गुरुवार के दिन रखा जाएगा. 

प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल (Pradosh Kaal) का मुहूर्त शाम 6 बजकर 36 मिनट पर शुरू होकर 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. इस समयावधि में प्रदोष व्रत की पूजा संपन्न की जा सकती है. 

कैसे करें भगवान शिव की पूजा 

प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान पश्चात भगवान शिव का ध्यान लगाकर प्रदोष व्रत का प्रण लिया जाता है. इसके बाद सुबह शिव मंदिर जाते हैं या फिर सीधा शाम के समय भगवान शिव की पूजा होती है. शिव पूजा (Shiv Puja)  करने के लिए शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही और शहद से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद बेलपत्र, फल, फूल, चंदन और रोली भगवान शिव के समक्ष अर्पित करते हैं. पूजा संपन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ किया जाता है, शिव मंत्रों (Shiv Mantra) का जाप होता है और शिव आरती की जाती है. 

शिव मंत्रों का करें जाप

 - ॐ नमः शिवाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।

 - नमो नीलकण्ठाय।
- ऊर्ध्व भू फट्।
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

- ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

- द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

- ह्रीं गौर्य नमः
- है गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरू कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।।
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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