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This Article is From Mar 29, 2024

नवरात्रि पर 30 साल बाद बन रहा हैअमृत सिद्धि योग, जरूर रखें व्रत, हर इच्छा होगी पूरी

Amrit Siddhi Yog : इस बार नवरात्रि पर पंचांग के अनुसार, लगभग 30 साल बाद नवरात्रि पर अद्भुत अमृत सिद्ध योग बन रहा है.

नवरात्रि पर 30 साल बाद बन रहा हैअमृत सिद्धि योग, जरूर रखें व्रत, हर इच्छा होगी पूरी
Chaitra Navratri 2024 : कब है चैत्र नवरात्रि.

Kab hai Chaitra Navratri : धर्म ग्रथों के अनुसार साल में चार नवरात्रि होती हैं, जिसमें से दो गुप्त नवरात्र कही जाती हैं और दो शारदीय चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना और साधु संत धूमधाम से मनाते हैं,  नवरात्रि का पर्व देशभर में बहुत श्रध्दा और विश्वास से मनाया जाता है. 9 दिनों तक आदिशक्ति मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा उपासना की जाती है. एक शारदीय नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि के नाम से जानी जाती है. दरअसल,  पंचांग के अनुसार, लगभग 30 साल बाद नवरात्रि पर अद्भुत अमृत सिद्ध योग बन रहा है. इस दौरान देवी की आराधना से मृत्युतुल्य कष्ट से भी छुटकारा मिलेगा. ज्योतिषाचार्य  बताते है कि चैत्र नवरात्रि इसलिए भी खास है, क्योंकि हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी इसी नवरात्रि से होती है. 

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30 साल बाद ऐसा योग

ज्योतिषाचार्य  बताया कि नक्षत्रों में पहला नक्षत्र अश्विनी नक्षत्र माना गया है. अगर मंगलवार को अश्विनी नक्षत्र हो तो वह अमृत सिध्द योग कहलाता है. मंगलवार को अश्विनी नक्षत्र भी है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भी इसी दिन है. यह संयोग लगभग 30 साल बाद बन रहा है. 


इस मंदिर में करें आराधना

मान्यताओं के अनुसार अगर नवरात्रि में देवी उपासना की जाए, जो प्राचीन हो. विधि विधान और शुध्द रूप से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई हो.  मंदिर में देवी के पास बैठकर किए गए जप - तप से मुक्ति मिल जाती है. 

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किस समय करें उपासना

अथर्वेद में बताया गया है कि गुड़ी पड़वा के दिन जैसे ही अश्विनी नक्षत्र लगता है, उसकी समाप्ति तक देवी की अराधना करने से मृत्यु तुल्य कष्टों से निवारण होता है. 9 अप्रैल को अश्विनी नक्षत्र सूर्योदय के घंटे बाद प्रारंभ हो जाएगा. 


नवरात्रि का क्या महत्व है

नवरात्रि के समय मां भगवती और उसके जागृत नव स्वरूपों की पूजा करने का विधान है.  मां की विधिवत पूजा अर्चना करने के साथ साधक लोग व्रत भी रखते हैं. जिससे उनके हर कष्ट से उनको निजात मिल जाती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही घर में सुख शांति बनी रहती है. नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा अर्चना भक्ति भाव से अवश्य करें, जिससे जीवन के सभी कष्ट आपके दूर जरूर होंगे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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