Budh Gochar in Virgo: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक ये 10 सितंबर को अपनी स्वराशि कन्या में वक्री (Budh vakri in Virgo) है. बुध देव इस अवस्था में आगामी 23 दिन यानी 02 अक्टूबर तक रहेंगे. कन्या राशि में बुध के वक्री (Mercury Retrograde) होने से भद्र योग (Bradra Yog) भी बना है. इस योग को महापुरुष और राजयोग कारक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है को वक्री बुध हमेशा अशुभ फल नहीं देता, बल्कि अगर वे शुभ भावों में विराजमान हों तो कई गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं. आइए जानते हैं कि बुध का वक्री होकर भद्र योग बनना किन राशियों के लिए शुभ रहने वाला है.
क्या होता है बुध का भद्र योग | Bhadra Yoga
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह योग बुध से बनता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में बुध, चंद्रमा से केंद्र में स्थित हों तो भद्र योग बनता है. ऐसे में जातक की किस्मत अचानक बदल जाती है. कहा जाता है कि जिसकी कुंडली में भद्र योग बनता है वह बुद्धि, चतुराई और वाणी का धनी होता है. ऐसे लोग कारोबार में भी सफलता अर्जित करते हैं.
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कन्या
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध का कन्या राशि में वक्री हुआ है. इसके साथ इस राशि में भद्र योग बना है. ऐसे में इस राशि के जातक को अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है. इस योग के प्रभाव से कन्या राशि वालों के जीवन में तरक्की हो सकती है. इस दौरान कार्यों में सफलता प्राप्त होगी. बिजनेस में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी. नौकरी में प्रमोशन का योग है. सरकारी नौकरी की सौगात मिल सकती है.
मकर
बुध इस राशि में 9वें भाव का स्वामी होता है. साथ ही त्रिकोण का स्वामी होने के कारण योगकारक भी होता है. बुध वक्री होकर इस राशि के 9वें भाव में गोचर किए हैं. ऐसे में मकर राशि वालों को शुभ फल प्राप्त होगा. घर-परिवार की सुख-समृद्धि में वृद्धि हो सकती है. भाग्य का साथ मिलेगा. कोई भी नया काम शरू करने के लिए यह समय उत्तम साबित होगा. इसके अलावा इस दौरान अमूमन सभी कार्यों में सफलता मिलेगी.
मीन
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक मीन राशि में बुध 7वें भाव में वक्री हुए हैं. ऐसे में अगर बुध पहले से कुंडली में इस स्थान पर मौजूद हैं तो भद्र योग बनेगा. जिस कारण इस राशि के जातक को शुभ फल की प्राप्ति होगी. इस दौरान वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहेगा. ससुराल पक्ष से लाभ हो सकता है. अविवाहित जातकों के लिए रिश्ते आ सकते हैं. इसके साथ ही नौकरी में तरक्की की प्रबल संभावना है. साझेदारी वाले कारोबार उन्नति का योग है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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