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Pradosh Vrat 2025: कल रखा जाएगा साल का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें महादेव की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Budh Pradosh Vrat 2025: किसी भी मास के कृष्णपक्ष अथवा शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित रहती है क्योंकि इसी दिन देवों के देव महादेव के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है. कल बुधवार के दिन साल के आखिरी प्रदोष व्रत की पूजा कब और कैसे करें, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Pradosh Vrat 2025: कल रखा जाएगा साल का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें महादेव की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Budh Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत की पूजा विधि और धार्मिक महत्व
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December 2025 Last Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में भगवान शिव को कल्याण का देवता माना जाता है. सनातन परंपरा में भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान माने जाते हैं. खास बात यह भी कि वह सिर्फ जल और पत्र चढ़ाने मात्र से ही अपने भक्तों को मनचाहा वरदान दे देते हैं. शिव पूजा के लिए जहां सोमवार और शिवरात्रि का दिन शुभ माना जाता है, वहीं प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि यानि प्रदोष व्रत को अत्यधिक फलदायी माना गया है. यही कारण है कि हर शिव भक्त इस पावन व्रत का पूरे माह इंतजार करता है. साल का आखिरी प्रदोष व्रत कल यानि 17 दिसंबर 2025, बुधवार को रखा जाएगा. आइए भगवान शिव की कृपा बरसाने वाले प्रदोष व्रत के बारे में विस्तार से जानते हैं.

बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त

जिस त्रयोदशी तिथि को शिव पूजा के लिए उत्तम माना गया है, वह आज 16 दिसंबर 2025, मंगलवार को रात में 11:57 बजे प्रारंभ होकर 18 दिसंबर 2025, गुरुवार को पूर्वाह्न 02:32 बजे समाप्त होगी. ऐसे में भगवान शिव की कृपा दिलाने वाला प्रदोष व्रत कल यानि 17 दिसंबर 2025, बुधवार को ही रखा जाएगा. कल प्रदोष काल का मुहूर्त सायंकाल 05:27 से लेकर रात को 08:11 बजे तक रहेगा.

कैसे करें प्रदोष व्रत का पूजन

प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजन करने के लिए व्यक्ति को प्रदोष काल का समय चुनना चाहिए. तन-मन से पवित्र होकर शिव साधक को सायंकाल प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में महादेव की पूजा गंगाजल, फूल, फल, धूप, दीपक, बेलपत्र, शमीपत्र, भांग, आदि अर्पित करते हुए करनी चाहिए. प्रदोष व्रत की पूजा में शिव के साधक को प्रदोष व्रत की कथा सुननी या फिर कहनी चाहिए. इसी प्रकार पूजन के अंत में महादेव और माता पार्वती की श्रद्धापूर्वक आरती करनी चाहिए.

प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव के लिए रखे जाने वाले प्रदोष व्रत को करने पर साधक के जीवन से जुड़े सभी दोष दूर होते हैं और शिव कृपा से उसे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत को करने से न सिर्फ भगवान शिव बल्कि चंद्र देवता का भी आशीर्वाद बरसता है. हिंदू मान्यता के अनुसार जो साधक 11 प्रदोष व्रत को विधि-विधान से करता है, उसके जीवन से जुड़े सभी ऋण शीघ्र ही दूर होते हैं और उसे धन-धान्य प्रदान करता है.

प्रदोष व्रत का उपाय

  • प्रदोष व्रत का पुण्यफल पाने के लिए शिव साधक को पूजा में शिव की प्रिय चीजें जैसे भांग, धतूरा, शमीपत्र, बेलपत्र, रुद्राक्ष, भस्म आदि जरूर अर्पित करना चाहिए.
  • प्रदोष व्रत की पूजा करने वाले साधक को शिव के साथ माता पार्वती, भगवान गणेश और शिव के गण यानि नंदी जी की भी विशेष पूजा करनी चाहिए.
  • विवाह की कामना करने वाली कन्याओं को प्रदोष व्रत की पूजा करते समय माता पार्वती को विशेष रूप से लाल चुनरी चढ़ाना चाहिए.
  • धन की कामना करने वाले साधक को प्रदोष व्रत वाले दिन स्फटिक से बने शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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