फाइल फोटो
देवघर (झारखंड):
झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम श्रावणी मेला को लेकर पूरी तरह से तैयार है। यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योर्तिलिंग में सर्वाधिक महिमामंडित माना जाता है। सावन महीने में यहां प्रतिदिन करीब एक लाख शिवभक्त मनोकामना शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। सोमवार को आने वाले शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है।
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था...
देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेशद्वार दुमका से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। दुमका से बाबा के मंदिर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है।
आतंकवाद-रोधी दस्ता तैनात...
आतंकवादी हमले की आशंका को देखते हुए मंदिर परिसर में पहली बार आतंकवाद-रोधी दस्ता (एटीएस) तैनात किया गया है। दुमका के पुलिस उपमहानिरीक्षक डी़ बी़ शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि अन्य पुलिस बलों के अलावा इस वर्ष एटीएस की तैनाती की गई है।
कांवड़ियों को मिलेगा प्रवेश कार्ड...
देवघर के जिलाधिकारी अरवा राजकमल बताते हैं कि पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि झारखंड के प्रवेशद्वार दुमका में ही कांवड़ियों को प्रवेश कार्ड मिलेगा और कार्ड पर अंकित निर्धारित समय पर ही कांवड़िए शिवलिंग पर जल चढ़ा सकेंगे।
जलार्पण के लिए 'अरघा सिस्टम' की व्यवस्था...
उन्होंने बताया कि 20 जुलाई से शुरू होने वाले सावन महीने में अधिक भीड़ जुटने के मद्देनजर बाबा पर जलार्पण के लिए पिछले वर्ष की भांति 'अरघा सिस्टम' की व्यवस्था रहेगी। अरघा के जरिए ही शिवभक्त जल चढ़ाएंगे।
'क्राउड मैनेजमेंट' पर विशेष ध्यान...
देवघर की पुलिस अधीक्षक ए़ विजयालक्ष्मी ने बताया कि यहां आने वाले सभी भक्तों को प्रवेश निबंधन कार्ड लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए दुमका में 12 एक्सप्रेस काउंटर बनाए गए हैं। कांवड़ियों की सुविधा के लिए इस बार व्यवस्था में बढ़ोतरी की गई है। लंबी कतार को देखते हुए मानसरोवर से नंदन पहाड़, दुर्गाबाड़ी बेला बगान तक कॉरिडोर का निर्माण कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 'क्राउड मैनेजमेंट' पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कांवड़ियों के लिए कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था...
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, कांवड़िया पथ में कांवड़ियों की सुविधा के लिए कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत कांवड़िए गुजरते हुए पाइप के जरिए कराई जाने वाली कृत्रिम बारिश में स्नान कर सकेंगे। इस दौरान कांवड़ियों के पैर पर पानी डाला जाएगा, जिससे उन्हें शीतलता का एहसास होगा। मेला क्षेत्र में 14 अस्थायी थाना बनाए गए हैं।
मेला क्षेत्र का ड्रोन कैमरे से निगरानी...
उन्होंने बताया, "सुरक्षा व्यवस्था में राज्य पुलिस बल के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और त्वरित कार्य बल (रैफ) के जवानों की तैनाती की गई है। मेला क्षेत्र का ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। रास्ते की निगरानी के लिए 20 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।"
भागलपुर के सुल्तानगंज से भरते हैं गंगाजल...
उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्ष भर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया वस्त्र पहने शिवभक्तों से पट जाता है। भगवान भोलेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। वैसे कई श्रद्धालु, जो इस दूरी को पैदल चलकर पूरा करने में शारीरिक रूप से असमर्थ होते हैं, वे वाहनों द्वारा भी सीधे बाबा नगरिया आकर जलाभिषेक करते हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था...
देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेशद्वार दुमका से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। दुमका से बाबा के मंदिर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है।
आतंकवाद-रोधी दस्ता तैनात...
आतंकवादी हमले की आशंका को देखते हुए मंदिर परिसर में पहली बार आतंकवाद-रोधी दस्ता (एटीएस) तैनात किया गया है। दुमका के पुलिस उपमहानिरीक्षक डी़ बी़ शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि अन्य पुलिस बलों के अलावा इस वर्ष एटीएस की तैनाती की गई है।
कांवड़ियों को मिलेगा प्रवेश कार्ड...
देवघर के जिलाधिकारी अरवा राजकमल बताते हैं कि पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि झारखंड के प्रवेशद्वार दुमका में ही कांवड़ियों को प्रवेश कार्ड मिलेगा और कार्ड पर अंकित निर्धारित समय पर ही कांवड़िए शिवलिंग पर जल चढ़ा सकेंगे।
जलार्पण के लिए 'अरघा सिस्टम' की व्यवस्था...
उन्होंने बताया कि 20 जुलाई से शुरू होने वाले सावन महीने में अधिक भीड़ जुटने के मद्देनजर बाबा पर जलार्पण के लिए पिछले वर्ष की भांति 'अरघा सिस्टम' की व्यवस्था रहेगी। अरघा के जरिए ही शिवभक्त जल चढ़ाएंगे।
'क्राउड मैनेजमेंट' पर विशेष ध्यान...
देवघर की पुलिस अधीक्षक ए़ विजयालक्ष्मी ने बताया कि यहां आने वाले सभी भक्तों को प्रवेश निबंधन कार्ड लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए दुमका में 12 एक्सप्रेस काउंटर बनाए गए हैं। कांवड़ियों की सुविधा के लिए इस बार व्यवस्था में बढ़ोतरी की गई है। लंबी कतार को देखते हुए मानसरोवर से नंदन पहाड़, दुर्गाबाड़ी बेला बगान तक कॉरिडोर का निर्माण कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 'क्राउड मैनेजमेंट' पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कांवड़ियों के लिए कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था...
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, कांवड़िया पथ में कांवड़ियों की सुविधा के लिए कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत कांवड़िए गुजरते हुए पाइप के जरिए कराई जाने वाली कृत्रिम बारिश में स्नान कर सकेंगे। इस दौरान कांवड़ियों के पैर पर पानी डाला जाएगा, जिससे उन्हें शीतलता का एहसास होगा। मेला क्षेत्र में 14 अस्थायी थाना बनाए गए हैं।
मेला क्षेत्र का ड्रोन कैमरे से निगरानी...
उन्होंने बताया, "सुरक्षा व्यवस्था में राज्य पुलिस बल के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और त्वरित कार्य बल (रैफ) के जवानों की तैनाती की गई है। मेला क्षेत्र का ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। रास्ते की निगरानी के लिए 20 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।"
भागलपुर के सुल्तानगंज से भरते हैं गंगाजल...
उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्ष भर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया वस्त्र पहने शिवभक्तों से पट जाता है। भगवान भोलेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। वैसे कई श्रद्धालु, जो इस दूरी को पैदल चलकर पूरा करने में शारीरिक रूप से असमर्थ होते हैं, वे वाहनों द्वारा भी सीधे बाबा नगरिया आकर जलाभिषेक करते हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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