बद्रीनाथ धाम के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद हो जाते हैं फिर गर्मियों में खुलते हैं
देहरादून:
उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट इस महीने की 30 तारीख को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. इस बाबत तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू
श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की प्रक्रिया 28 अपैल को शुरू हो जाएगी.
उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल की दोपहर को शीतकालीन गद्दीस्थल जोशीमठ के नृसिंह मन्दिर से भगवान विष्णु की डोली बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी. पहले दिन रात्रि विश्राम पांडुकेश्वर में होगा.
29 अप्रैल की शाम को भगवान की डोली बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी और अगले दिन 30 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.
पीएम मोदी करेंगे केदारनाथ में पूजा
मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी डी सिंह ने बताया कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं.
बद्रीनाथ सहित गढ़वाल के हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारों धामों के कपाट सर्दियों में भारी हिमपात और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं. फिर कपाट अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोल दिए जाते हैं.
गढ़वाल हिमालय की आर्थिक रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा छह महीने के सीजन के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
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श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की प्रक्रिया 28 अपैल को शुरू हो जाएगी.
उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल की दोपहर को शीतकालीन गद्दीस्थल जोशीमठ के नृसिंह मन्दिर से भगवान विष्णु की डोली बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी. पहले दिन रात्रि विश्राम पांडुकेश्वर में होगा.
29 अप्रैल की शाम को भगवान की डोली बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी और अगले दिन 30 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.
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मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी डी सिंह ने बताया कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं.
बद्रीनाथ सहित गढ़वाल के हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारों धामों के कपाट सर्दियों में भारी हिमपात और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं. फिर कपाट अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोल दिए जाते हैं.
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