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हर मास के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या तिथि होती है. माघ मास (Magh Month) की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) भी कहते हैं. सभी अमावस्या की तिथियों में मौनी अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है. इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया गया है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है. इसके अलावा इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म भी किए जाते हैं. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम.
शास्त्रों में अमावस्या की तिथि को विशेष बताया गया है. बता दें कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं. वहीं, माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर गंगा नदी का जल अमृत के समान हो जाता है. इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं. साथ ही, निरोगी काया प्राप्त होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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माघ अमावस्या 2022 तिथि और मुहूर्त | Magh Amavasya Date And Shubh Muhurat
- माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 31 जनवरी दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से हो रहा है.
- माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का समापन- 01 फरवरी दिन मंगलवार को दिन में 11 बजकर 15 मिनट पर होगा.
- अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:13 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक.
- विजय मुहूर्त- दोपहर 02:23 बजे से दोपहर 03:07 बजे तक.
- अमृत काल- सुबह 10:18 बजे से दिन में 11:45 बजे तक.
- राहुकाल- दोपहर 03:18 बजे से शाम 04:39 बजे तक.
अमावस्या पर प्रात:काल में स्नान और दान करने का महत्व है. ऐसे में 01 फरवरी दिन मंगलवार को माघ अमावस्या होगी. मंगलवार की अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहते हैं. माघ अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए आपको दिन में 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे के बीच तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि कर लेने चाहिए. यह समय काल इन कार्यों के लिए अच्छा होता है.
माघ अमावस्या 2022 | Magh Amavasya 2022
- सूर्योदय- प्रात: 07:09 बजे.
- सूर्यास्त- शाम 06:00 बजे.
- चन्द्रोदय- प्रात: 07:23 बजे.
- चन्द्रास्त- शाम 06:09 बजे.
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मौनी अमावस्या व्रत नियम | Mauni Amavasya Vrat Niyam
- मौनी अमावस्या के दिन सुबह नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए.
- स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
- मौनी अमावस्या के दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए.
- इस दिन गरीब और भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं.
- अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें,
- यदि आप अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं.
- हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. कहते हैं कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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