Amarnath yatra : 30 जून से बाबा बर्फानी की यात्रा पर श्रद्धालु निकल चुके हैं. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में इस यात्रा का विशेष महत्व है. इसे बहुत पवित्र माना गया है. इसलिए हर साल हजारों की संख्या में इसके कठिन रास्तों को पार करते हुए भोलेशंकर के भक्त वहां पहुंचते हैं. इस धार्मिक यात्रा के दौरान भक्त भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए पूरी यात्रा को संपन्न करते हैं. सबकी एक ही आस होती है बाबा बर्फानी (barfani baba) के दर्शन. आपको बता दें कि इस बार की अमरनाथ यात्रा खास इसलिए है क्योंकि यह दो साल बाद फिर से शुरू की गई है. कोविड में तीर्थ स्थलों को बंद कर दिया गया था.
अमरनाथ की यात्रा से जुड़े कुछ दिलचस्प और रोचक बातें हैं जिसे जान लेना हर श्रद्धालु के लिए अच्छा होगा. इस लेख में हम आपको शेषनाग झील पर शिव शंकर ने क्यों अपने सांप को उतार दिया था उसके बारे में बताएंगे.
अमरनाथ यात्रा से जुड़े रहस्य | Secrets related to Amarnath Yatra
- यहां की शेषनाग झील पर ही भगवान शिव ने अपने गले से सांप को उतार दिया था. इसके अलावा अमरनाथ यात्रा के दौरान पड़ने वाले पहलगाम में भगवान शिव ने विश्राम किया था जहां पर उन्होंने अपनी सवारी नंदी को छोड़ दिया था. यह भी एक मान्यता है लोगों की.
- एक और दिलचस्प कहानी है. अमरनाथ की गुफा में स्थित शिवलिंग पक्की बर्फ से निर्मित होता है जबकि गुफा पूरी तरह से कच्ची बर्फ की है. यह भी लोगों के बीच आज तक रहस्य बना हुआ है.
- आपको बता दें कि अमरनाथ गुफा 5 हजार साल पुरानी है ऐसी मान्यता है. लोगों का कहना है कि यह तब से बिल्कुल वैसी ही है. यहां के शिवलिंग का निर्माण खुद हुआ है. यह मानव निर्मित नहीं है. इस यात्रा से जुड़ा एक किस्सा ये है कि इस अमरनाथ गुफा में ही माता पार्वती को भगवान शिव ने अमरता का मंत्र सुनाया था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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