
Ahmedabad plane crash : कल अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की दुर्घटना से पूरा देश स्तब्ध है. एयर इंडिया के यात्री विमान में कुल 242 यात्री सवार थे. यह फ्लाइट लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड में अहमदाबाद के एक रिहायशी इलाके में गिर गई. इसमें सवार 242 लोगों में से 241 लोगों के मारे जाने की पुष्टि एयर इंडिया की तरफ से की गई है. आपको बता दें कि अहमदाबाद में हुई इस विमान दुर्घटना में केवल एक शख्स की जान बच पाई, जिसका नाम विश्वास रमेश है.
कैसे हुआ हादसा
विमान हादसे में इकलौते बचे विश्वास रमेश ने डीडी न्यूज से बता करते हुए बताया कि सब मेरी नजरों के सामने हुआ, लेकिन मुझे खुद नहीं पता कि आखिर कैसे मैं जिंदा बच पाया हूं. थोड़े टाइम के लिए मुझे लगा था कि मैं भी मर जाउंगा. लेकिन आंख खुली, तो मैं जिंदा था. मैंने अपनी सीट बेल्ट निकालने की कोशिश की. इसके बाद मैं वहां से निकल गया. मेरी आंखों के सामने एयरहोस्टेज और दूसरे लोग मर गए थे. यह सब कुछ 5 से 10 सेकेंड के बीच में हुआ.
उन्होंने आगे बताया मैं हॉस्टल पर गिरे विमान के हिस्से में नहीं था बल्कि जमीन पर था. विमान जब नीचे गिरा और मैंने देखा कि थोड़ा-सा स्पेस है, तो मैंने निकलने की कोरिश की और मैं कामयाब रहा.
विश्वास का बचना क्या है कोई ज्योतिषी चमत्कार
विश्वास रमेश का इस हादसे में बचना किसी चमत्कार से कम नहीं हैं. इसी को लेकर हमारी बातचीत हुई आगरा के ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से कि इतनी बड़ी दुर्घटना में किसी शख्स का बचना क्या कोई करिश्मा हो सकता है. जिसके जवाब में पंडित जी ने कहा कि यात्रा प्रारंभ करने से पूर्व भगवान गणेश का नाम लेकर यात्रा और शुभ वस्तु का सेवन कर और माता-पिता का आशीर्वाद लेकर निकलना चाहिए. यात्रा में ईश्वर का नाम जप करते रहना चाहिए. कल की जो दुर्घटना हुई है. उसके लिए दुर्घटना का मुख्य कारण ज्वालामुखी योग है. जो प्रातः 5:27 से दोपहर 2:27 तक बन रहा था. कुछ लोगों की जन्म कुंडली में अकाल मृत्यु होता है वे लोग ऐसी दुर्घटना में मृत्यु को प्राप्त होते हैं. जो लोग बचे हैं निश्चित रूप से उनकी कुंडली में दीर्घायु होने का योग विद्यमान होगा और ईश्वर की कृपा से उन दोनों का जीवन बच गया.
साथ ही पंडित जी ने कहा कि यात्रा दो प्रकार की होती है एक तो आप अपने घर से निकले और शाम तक अपने घर वापस आ गए उसको हम लोकल यात्रा भी कह सकते हैं. दूसरी यात्रा लम्बी दूरी की होती है, जिसे हमको मुहूर्त देखकर करनी चाहिए.
इसके अंतर्गत यात्रा की दिशा में दिशाशूल की जानकारी होनी चाहिए. यात्रा करने वाले व्यक्ति के जन्म राशि के अनुसार उस दिन का चन्द्रमा 4, 6, 8, 12 न हो. साथ ही शुभ लग्न, शुभ चौघड़िया मुहूर्त, शुभ नक्षत्र, आदि का भी ध्यान रखें.
किस दिन कौन सी दिशा में नहीं चाहिए जाना
- शनिवार को दिशाशूल पूर्व दिशा में रहता है. यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो सफेद तिल खाकर चौघड़िया मुहूर्त में यात्रा प्रारंभ करें.
- शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल रहेगा. अगर यात्रा करना आवश्यक हो तो थोड़ा अदरक खाकर चौघड़िया मुहूर्त में यात्रा प्रारंभ करें.
- गुरुवार को दक्षिण दिशा में दिशा शूल रहेगा. अगर यात्रा करना जरूरी हो तो थोड़ा जीरा खाकर चौघड़िया मूहर्त में यात्रा प्रारंभ करें.
- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल रहता है. यात्रा करना जरूरी हो तो यात्रा प्रारम्भ करने से पहले पांच कदम विपरीत दिशा में चलें, इसके बाद ही यात्रा प्रारम्भ करिए. इन चौघड़िया मुहूर्तों में यात्रा हरा धनिया अथवा (सफेद) तिल खा कर आरंभ कर सकते हैं.
- मंगलवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल रहता है. इस दिन थोड़ा गुड़ खाकर चौघड़िया मुहूर्त में यात्रा प्रारंभ करें.
- सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा वर्जित रहती है. इस दिन दर्पण देखकर चौघड़िया मूहर्त में यात्रा प्रारंभ करें.
- रविवार को दिशा शूल पश्चिम दिशा में रहता है. यात्रा वर्जित रहती है. इस दिशा में पान खाकर चौघड़िया मूहर्त में यात्रा प्रारंभ करें.
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