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This Article is From Nov 22, 2021

Aarti Of Lord Shiva: इस मंगलकारी आरती के बिना अधूरी है भगवान शिव की पूजा

Aarti Of Lord Shiva: भगवान शिव को जीवन का संचालक और संहारक माना गया है और कहा जाता है कि इन्‍हें प्रसन्‍न करना बहुत ही आसान है. अगर भक्‍त सच्‍चे मन से इनका नाम भी पुकार ले तो भोले भंडारी उसकी हर मनोकामना पूरी कर देते हैं.

Aarti Of Lord Shiva: इस मंगलकारी आरती के बिना अधूरी है भगवान शिव की पूजा
Aarti Of Lord Shiva: मंगलकारी है भगवान भोलेनाथ की आरती
नई दिल्ली:

भगवान शिव को कोई रुद्र तो कोई भोलेनाथ के नाम से पुकारता है. भगवान शिव की पूजा में विशेष नियम नहीं होते और इनकी पूजा विधि के मंत्र भी बेहद आसान होते हैं. भगवान शिव को जीवन का संचालक और संहारक माना गया है और कहा जाता है कि इन्‍हें प्रसन्‍न करना बहुत ही आसान है. अगर भक्‍त सच्‍चे मन से इनका नाम भी पुकार ले तो भोले भंडारी उसकी हर मनोकामना पूरी कर देते हैं. हिंदू धर्म में भोलेनाथ को त्रिलोकीनाथ के नाम से भी पुकारा जाता हैं. मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव शंकर की पूजा आराधना करने से गृहस्थ जीवन में अनुकूलता प्राप्त होती है. गृहस्त व्यक्ति का जीवन हमेशा सुखमय बना रहता है.

माना जाता है कि भगवान शिव जी की आरती (Shiv Ji Ki Aarti) पढ़ने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्‍यता है क‍ि भगवान भोलनाथ की आरती (Shiv Aarti hindi mein) नकारात्मक शक्तियों का नाश करती है. भगवान शिव की आराधना करते समय उनकी आरती का गान करने से पूजा संपन्‍न मानी जाती है.

भगवान शिव का मंत्र

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं|

सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि॥

शिवजी की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा 

    ।।ॐ जय शिव..॥

  एकानन चतुरानन पंचानन राजे

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे

          ।।ॐ जय शिव..॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे

       ॥ ॐ जय शिव..॥

 अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

 चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी

       ॥ ॐ जय शिव..॥

  श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे

       ॥ ॐ जय शिव..॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता

     ॥ ॐ जय शिव..॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका

   ॥ ॐ जय शिव..॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी

        ॥ ॐ जय शिव..॥

त्रिगुण शिव जी की आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे

        ॥ ॐ जय शिव..॥

भगवान श‍िव की आरती का महत्‍व

भगवान शिव शंकर की आराधना करने से घर में माता पार्वती की कृपा सदैव बनी रहती है. शिव की भक्ति करने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक समस्याएं से जूझना नहीं पड़ता है. धर्म के अनुसार, शिव शंकर एक मात्र ऐसे भगवान है, जो बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. उनके प्रसन्न होने से व्यक्ति की सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है. भगवान शिव शंकर को भोलेनाथ, गंगाधर, नीलकंठ आदि नामों से भी पुकारा जाता हैं.

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