हनुमान हिंदूओं के भगवान हैं, वे ईश्वर के लिए ब्रह्मचार्य और सेवाभाव का साक्षात हैं. ऐसी बहुत सी बातें हैं जो हम अपने देवी-देवताओं से सीख सकते हैं. रामायण में हनुमान का चरित्र भी कुछ ऐसा ही है. अपने लक्ष्य के प्रति वह फोकस और स्पष्ट नजरिया रखते हैं. और यही वजह है कि रामायण में हुनमान ने हर वह कार्य पूर्ण किया, जिसका उन्होंने लक्ष्य बनाया था. रामायण एक धार्मिक ग्रंथ है, उसमें वर्णित ज्यादातर चरित्रों को हम ईश्वर की तरह पूजते हैं, उनके द्वारा किए गए कार्यों को ईश्वर्य शक्ति का परिणाम मानते हैं. अक्सर हमे लगता है कि जो राम, लक्षमण या हनुमान ने किया वह हम नहीं कर सकते, क्योंकि हम तो साधारण मानव हैं और वे देवता... लेकिन ऐसा नहीं है. रामायण में वर्णित चरित्र हमें एक नई सीख देता है. जिसे अगर हम अपना लें, तो जीवन में सफलता और खुशियां हमारे कदम चूमेंगी. एक नजर उन चार बातों पर जो हम हनुमान से सीख सकते हैं...
हनुमान अपनी माता अंजनी को बहुत मानते थे. उनकी हर आज्ञा को वे पूरा करते और उनके मार्गदर्शन से ही चलते. हनुमान के चरित्र निर्माण में उनकी माता का योगदान रहा. कहते हैं कि एक बार बचपन में हनुमान ने मां से पूछा कि मैं बड़ा होकर क्या बनूंगा? तब मां अंजनी ने कहा था कि चार काम करते रहना तो वही बन पाओगे, जिसके लिए तुम्हें संसार में भेजा गया है.
ऊर्जा का दुरुपयोग मत करना
ऊर्जा का दुरुपयोग, यह वह गलती है जो आज हर कोई करता है. स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या घर परिवार में भी लोग एनर्जी वहां लगा देते हैं जहां उसकी जरूरत नहीं. इसलिए यह देखना बहुत जरूरी है कि आपको ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना आना चाहिए. बेकार की बातों या कामों में अपनी सारी एनर्जी वेस्ट न करें.
लक्ष्य को मत भूलना
मां अंजनी ने हनुमान से कहा कि कभी भी अपने लक्ष्य को मत भूलना. यह वचन अगर हम अपने जीवन में अपना लें, तो कई तरह की जद्दोजहद और तनावों से बच सकते हैं. अगर हमारा ध्यान पूरी तरह से लक्ष्य पर रहेगा तो कोई भी बड़े से बड़ा संकट हमें रोक नहीं पाएगा.
समय का सदुपयोग
अंजनी मां ने हनुमान को जो दूसरी बात बताई वह यह कि समय का हमेशा सदुपयोग करना. अक्सर हम अपने समय का दुरुपयोग करने में लग जाते हैं और अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं. जैसे ऑफिस में कई बार काम को छोड़ कर गॉसिप या बातों में लगना या फिर सोशल मीडिया पर समय बर्बाद कर देते हैं और जब ऑफिस का समय पूरा होता है, तो ध्यान आता है कि आज के टारगेट तो पूरे हुए ही नहीं...
सेवा का अवसर
मां अंजनी ने हनुमान को जो चौथी बात बताई वह थी सेवा करना. आज के संदर्भ में हम इसे मदद करने से जोड़ कर देख सकते हैं. जहां मां अंजनी ने हनुमान से कहा था कि सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए, वहीं आज के परिपेक्ष में हम इसे इस तरह ले सकते हैं कि किसी की मदद करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए.
हनुमान अपनी माता अंजनी को बहुत मानते थे. उनकी हर आज्ञा को वे पूरा करते और उनके मार्गदर्शन से ही चलते. हनुमान के चरित्र निर्माण में उनकी माता का योगदान रहा. कहते हैं कि एक बार बचपन में हनुमान ने मां से पूछा कि मैं बड़ा होकर क्या बनूंगा? तब मां अंजनी ने कहा था कि चार काम करते रहना तो वही बन पाओगे, जिसके लिए तुम्हें संसार में भेजा गया है.
ऊर्जा का दुरुपयोग मत करना
ऊर्जा का दुरुपयोग, यह वह गलती है जो आज हर कोई करता है. स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या घर परिवार में भी लोग एनर्जी वहां लगा देते हैं जहां उसकी जरूरत नहीं. इसलिए यह देखना बहुत जरूरी है कि आपको ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना आना चाहिए. बेकार की बातों या कामों में अपनी सारी एनर्जी वेस्ट न करें.
लक्ष्य को मत भूलना
मां अंजनी ने हनुमान से कहा कि कभी भी अपने लक्ष्य को मत भूलना. यह वचन अगर हम अपने जीवन में अपना लें, तो कई तरह की जद्दोजहद और तनावों से बच सकते हैं. अगर हमारा ध्यान पूरी तरह से लक्ष्य पर रहेगा तो कोई भी बड़े से बड़ा संकट हमें रोक नहीं पाएगा.
समय का सदुपयोग
अंजनी मां ने हनुमान को जो दूसरी बात बताई वह यह कि समय का हमेशा सदुपयोग करना. अक्सर हम अपने समय का दुरुपयोग करने में लग जाते हैं और अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं. जैसे ऑफिस में कई बार काम को छोड़ कर गॉसिप या बातों में लगना या फिर सोशल मीडिया पर समय बर्बाद कर देते हैं और जब ऑफिस का समय पूरा होता है, तो ध्यान आता है कि आज के टारगेट तो पूरे हुए ही नहीं...
सेवा का अवसर
मां अंजनी ने हनुमान को जो चौथी बात बताई वह थी सेवा करना. आज के संदर्भ में हम इसे मदद करने से जोड़ कर देख सकते हैं. जहां मां अंजनी ने हनुमान से कहा था कि सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए, वहीं आज के परिपेक्ष में हम इसे इस तरह ले सकते हैं कि किसी की मदद करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए.
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