Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि ( Mahashivratri) का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इसे फाल्गुन मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शंकर (Lord Shiva) और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस बार महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च शुक्रवार को है और इस दिन चार अति शुभ संयोग (Shubh yoga on Mahashivratri) भी बनने वाले हैं. महाशिवरात्रि के दिन चंद्रमा मकर राशि में विराजमान होंगे. इस दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा. इन चार अति शुभ संयोग के कारण महाशिवरात्रि की पूजा शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाली होगी. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पर कब कौन सा योग है और उसका क्या प्रभाव होगा..
तुलसी माता को करना है प्रसन्न तो गांठ बांध लें ये 5 काम, मान्यतानुसार मिलता है मां तुलसी का आशीर्वादमहाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 8 मार्च शुक्रवार को रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगी और समापन 9 मार्च, शनिवार को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगी. महाशिवरात्रि निशिता पूजा का मुहूर्त देर रात में 12 बजकर 07 मिनट से 12बजकर 56 मिनट तक रहेगा. दिन में महाशिवरात्रि की पूजा का समय प्रात: 5 बजकर 1 मिनट से प्रारंभ होगा.
महाशिवरात्रि पर बनेंगे ये अति शुभ चार संयोग
1. सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 6 बजकर 38 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक
2. शिव योग- 9 मार्च को सूर्योदय से 12 बजकर 46 मिनट तक
3. सिद्ध योग- 9 मार्च को रात 12 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 32 मिनट तक
4. श्रवण नक्षत्र- प्रात:काल से 10 बजकर 41 मिनट तक उसके बाद फिर धनिष्ठा नक्षत्र
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में जो भी कार्य किया जाता है वह जरूर पूरा होता है. यदि सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार या गुरु वार के दिन बनता है तो उस दिन कोई भी तिथि हो, उसके प्रभाव में कमी नहीं आती है. सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकता है.
शिव योग और सिद्ध योग
महाशिवरात्रि के दिन शिव योग और सिद्ध योग भी बनने वाले हैं. शिव योग साधना, मंत्र जाप आदि के लिए अच्छा होता है. महाशिवरात्रि को बन रहा शिव योग भक्तों को शुभ फल प्रदान करने वाला है. महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त के समय सिद्ध योग होगा और महाशिवरात्रि व्रत के पारण के समय भी सिद्ध योग है. गणोश जी इस योग के स्वामी हैं. गणोश जी शुभता और सफलता प्रदान वाला माना गया है. वे विघ्न और बाधाओं को दूर करते हैं. महाशिवरात्रि पर इस योग में पूजा करने से जिस मनोकामना से पूूजा की जा रही है वह पूर्ण हो सकती है.
श्रवण नक्षत्र
शनि देव श्रवण नक्षत्र के स्वामी हैं. शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं. श्रवण नक्षत्र में कार्य शुभ माने जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
Mahashivratri 2024: इस साल कब है महाशिवरात्रि का पर्व, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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