फाइल फोटो
इंदौर:
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ मेले में समाज के हर तबके के लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी जिसके मद्देनजर प्रदेश सरकार शहर में करीब 34,000 शौचालय बनाने की योजना पर काम कर रही है, ताकि धार्मिक मेले के दौरान खुले में शौच की खराब प्रवृत्ति रोकी जा सके।
जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने आज बताया कि महीने भर चलने वाले सिंहस्थ मेले के दौरान उज्जैन को साफ.सुथरा बनाये रखने के लिये इस शहर में लगभग 10,000 मूत्रालय और तकरीबन 15,000 स्नानघर भी बनाये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सिंहस्थ मेले के दौरान उज्जैन में बड़ी मात्रा में कचरा पैदा होगा। लिहाजा शहरी इलाके में हर रोज 300 मीट्रिक टन कचरा और मेला क्षेत्र में प्रतिदिन 1,000 से 1,200 मीट्रिक टन कचरा उठाने के बंदोबस्त किये जा रहे हैं।
रखा जाएगा साफ-सफाई का खास ध्यान
अधिकारी ने बताया, ‘सिंहस्थ मेले में विशेष स्नान के दिनों में कचरे की मात्रा आम दिनों के मुकाबले काफी ज्यादा रहेगी। इसलिये विशेष स्नान वाले दिनों में हर रोज 2,000 से 2,500 मीट्रिक टन कचरा उठाने की तैयारी की जा रही है।’ उन्होंने बताया कि सिंहस्थ मेले के मद्देनजर उज्जैन को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिये 117 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है।
क्षिप्रा नदी के तट पर बसे उज्जैन में सिंहस्थ मेला 22 अप्रैल से शुरू होकर 21 मई तक चलेगा। यह मशहूर मेला हर 12 साल में लगता है और हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक जमावड़ों में शामिल है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने आज बताया कि महीने भर चलने वाले सिंहस्थ मेले के दौरान उज्जैन को साफ.सुथरा बनाये रखने के लिये इस शहर में लगभग 10,000 मूत्रालय और तकरीबन 15,000 स्नानघर भी बनाये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सिंहस्थ मेले के दौरान उज्जैन में बड़ी मात्रा में कचरा पैदा होगा। लिहाजा शहरी इलाके में हर रोज 300 मीट्रिक टन कचरा और मेला क्षेत्र में प्रतिदिन 1,000 से 1,200 मीट्रिक टन कचरा उठाने के बंदोबस्त किये जा रहे हैं।
रखा जाएगा साफ-सफाई का खास ध्यान
अधिकारी ने बताया, ‘सिंहस्थ मेले में विशेष स्नान के दिनों में कचरे की मात्रा आम दिनों के मुकाबले काफी ज्यादा रहेगी। इसलिये विशेष स्नान वाले दिनों में हर रोज 2,000 से 2,500 मीट्रिक टन कचरा उठाने की तैयारी की जा रही है।’ उन्होंने बताया कि सिंहस्थ मेले के मद्देनजर उज्जैन को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिये 117 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है।
क्षिप्रा नदी के तट पर बसे उज्जैन में सिंहस्थ मेला 22 अप्रैल से शुरू होकर 21 मई तक चलेगा। यह मशहूर मेला हर 12 साल में लगता है और हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक जमावड़ों में शामिल है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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