Rakshabandhan 2023: सावन (Sawan) माह में पूर्णिमा की तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन भाई बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन (Rakhabandhan) मनाया जाता है. इसे सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन पूर्णिमा व्रत के दिन स्नान-दान, तर्पण और भगवान शिव की उपासना करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसके साथ ही रात्रि के पहर में माता लक्ष्मी की उपासना करने से आर्थिक समस्या दूर होती है. आइए जानते हैं, इस साल रक्षाबंधन और सावन पूर्णिमा व्रत किस दिन रखा जाएगा.
सावन पूर्णिमा की तिथि (Sawan Purnima 2023)
पंचाग की गणना के अनुसार सावन माह की पूर्णिमा की तिथि 30 अगस्त बुधवार को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से शुरू हो रही है और 31 अगस्त गुरुवार को सुबह 8 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. सावन पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त बुधवार को रखा जाएगा.
भद्रा और पंचक के कारण इस दिन मनेगा रक्षाबंधन
सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है लेकिन इस वर्ष पूर्णिमा की तिथि 30 अगस्त को भद्रा लगने के कारण रक्षाबंधन दो दिन यानी 30 अगस्त बुधवार और 31 अगस्त गुरुवार को मनाया जाएगा. ऐसे में ज्योतिषों के सुझाव के अनुसार भद्रा में राखी नहीं मनाए जाने के कारण 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा.
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
31 अगस्त को प्रात: 4 बजकर 29 मिनट से लेकर 7 बजकर 7 मिनट तक राखी बांधने का मुहुर्त है.
क्या होता है भद्रा
भगवान सूर्य और छाया व शनि देव की बहन भद्रा का जन्म राक्षसों की नाश के लिए हुआ था. मान्यता है कि रावण को उसकी बहन सूर्पनखा ने भद्रा काल में राखी बांधी थी जिसके कारण उसका विनाश हुआ था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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