फाइल फोटो
जम्मू:
जम्मू से 15,000 तीर्थयात्रियों का एक अन्य जत्था गुरुवार सुबह उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर पहुंचा। इससे एक दिन पहले ही 7,000 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। श्री अमरनाथजी श्रायन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारी ने आईएएनएस को गुरुवार को बताया, "15,000 से अधिक तीर्थयात्री आज (गुरुवार) सुबह बालटाल आधार शिविर पहुंच गए, जबकि 7,000 से अधिक यात्रियों ने कल पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए।"
अधिकारी ने बताया कि भगवती नगर यात्री निवास से तीर्थयात्रियों के अन्य जत्थे को रवानगी की अनुमति पर फैसला गुरुवार को लिया जाएगा।
गौरतलब है कि दो जुलाई से अभी तक 1,45,000 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की। घाटी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए यात्रा दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई थी।
गौरतलब है कि घाटी में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के बीते शुक्रवार (आठ जुलाई) को सुरक्षा बलों की गोली से मारे जाने के बाद से व्याप्त तनाव के बावजूद यहां किसी यात्री पर हमला नहीं किया गया है।
बिजबेहरा कस्बे के पास जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए एक हादसे में घायल हुए 20 श्रद्धालुओं को बचाने के लिए स्थानीय मुसलमान आगे आए और इस क्रम में उन्होंने कर्फ्यू की भी परवाह नहीं की। अपनी जान जोखिम में डालते हुए उन्होंने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
बिजबेहरा के मुसलमान घाटी में हो रहे प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की ओर से उग्र भीड़ पर चलाई गई गोली में दो स्थानीय युवकों के जान गंवाने के बाद भी अमरनाथ यात्रियों की मदद के लिए आगे आए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अधिकारी ने बताया कि भगवती नगर यात्री निवास से तीर्थयात्रियों के अन्य जत्थे को रवानगी की अनुमति पर फैसला गुरुवार को लिया जाएगा।
गौरतलब है कि दो जुलाई से अभी तक 1,45,000 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की। घाटी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए यात्रा दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई थी।
गौरतलब है कि घाटी में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के बीते शुक्रवार (आठ जुलाई) को सुरक्षा बलों की गोली से मारे जाने के बाद से व्याप्त तनाव के बावजूद यहां किसी यात्री पर हमला नहीं किया गया है।
बिजबेहरा कस्बे के पास जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए एक हादसे में घायल हुए 20 श्रद्धालुओं को बचाने के लिए स्थानीय मुसलमान आगे आए और इस क्रम में उन्होंने कर्फ्यू की भी परवाह नहीं की। अपनी जान जोखिम में डालते हुए उन्होंने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
बिजबेहरा के मुसलमान घाटी में हो रहे प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की ओर से उग्र भीड़ पर चलाई गई गोली में दो स्थानीय युवकों के जान गंवाने के बाद भी अमरनाथ यात्रियों की मदद के लिए आगे आए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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