
दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार उतार-चढ़ाव कर रहा है. गुरुवार सुबह ये खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर 205.43 मीटर पर दर्ज किया गया. बुधवार शाम से ही यमुना का पानी खतरे के स्तर से ऊपर था, जो दोपहर बाद कुछ नीचे आया. दिल्ली सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है.
निचले इलाकों में भरा पानी
एक बार फिर 28 अगस्त 2025 के दिन यमुना बाजार और निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गईं. स्थानीय लोग कहते हैं कि सीवर साफ न होने की वजह से पानी निकल नहीं पा रहा और बीमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है. मुख्यमंत्री कुछ दिन पहले हालात का जायजा लेने पहुंची थीं, लेकिन बुज़ुर्ग और महिलाएं अब भी पानी भरी गलियों से गुजरने को मजबूर हैं.
राहत के लिए सरकार ने बनाए अस्थायी शिविर
बताते चलें कि यमुना में हथिनीकुंज, वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े गए पानी के कारण निचले इलाके प्रभावित हुए हैं. राहत के लिए सरकार ने अस्थायी शिविर लगाए हैं. मयूर विहार के कैंपों में खाने-पीने और सामान रखने की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन सभी शिविरों में हालात समान नहीं हैं.
खाने-पीने की दिक्कत नहीं
शास्त्री पार्क के टेंट शिविर की बात करें तो यहां पीड़ित परिवार के पास फोल्डिंग पलंग नहीं था, इसलिए लकड़ी के फट्टों पर फिलहाल रात गुजार रहे हैं. हालांकि उन्होंने ये भी माना कि खाने-पीने की यहां दिक्कत नहीं है. बहरहाल जहां यमुना का जलस्तर धीरे- धीरे घट रहा है, वहीं सरकार को भी लगातार सतर्क रहना होगा. इसके अलावा लोगों को भी अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक बने रहना होगा.
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