नई दिल्ली:
क्या दिल्ली पुलिस के लिए बनाए गए दो एक्ट गैरकानूनी हैं? क्या दिल्ली पुलिस के जवानों को घंटों यहां तक कि 24 घंटे तक काम करने के लिए बने नियम को हटा दिया जाएगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ऐसी ही याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस बीच सुनवाई से पहले ही दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने इस बाबत एक कमिटी का गठन कर दिया है। स्पेशल सीपी अमूल पटनायक की देखरेख में स्पेशल सीपी पी कामराज, ताज हसन, आरएस कृष्णैया और डीसीपी आर ए संजीव और शिबेश सिंह की कमेटी इस पर विचार करेगी।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में 2015 में जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया था कि दिल्ली में 90 प्रतिशत पुलिसकर्मी निर्धारित 8 घंटे की बजाय 12 से 14 घंटे तक काम करते हैं, जो कि अमानवीय है और संविधान के अनुच्छेद 21 के जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इसके अलावा उन्हें आकस्मिक रूप से काम पर बुलवाया जाता है।
याचिका में पुलिस एक्ट 1861 की धारा 22 और 1978 के दिल्ली पुलिस एक्ट की धारा 24 को रद्द करने कि मांग की गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक इन्हीं धाराओं के तहत पुलिस वालों को 24 घंटे तक ड्यूटी करने के लिए बाध्य किया जा सकता है। साथ ही पुलिसकर्मियों को कई बार 36 घंटे भी काम कराया जा सकता है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था। 18 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ऐसी ही याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस बीच सुनवाई से पहले ही दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने इस बाबत एक कमिटी का गठन कर दिया है। स्पेशल सीपी अमूल पटनायक की देखरेख में स्पेशल सीपी पी कामराज, ताज हसन, आरएस कृष्णैया और डीसीपी आर ए संजीव और शिबेश सिंह की कमेटी इस पर विचार करेगी।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में 2015 में जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया था कि दिल्ली में 90 प्रतिशत पुलिसकर्मी निर्धारित 8 घंटे की बजाय 12 से 14 घंटे तक काम करते हैं, जो कि अमानवीय है और संविधान के अनुच्छेद 21 के जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इसके अलावा उन्हें आकस्मिक रूप से काम पर बुलवाया जाता है।
याचिका में पुलिस एक्ट 1861 की धारा 22 और 1978 के दिल्ली पुलिस एक्ट की धारा 24 को रद्द करने कि मांग की गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक इन्हीं धाराओं के तहत पुलिस वालों को 24 घंटे तक ड्यूटी करने के लिए बाध्य किया जा सकता है। साथ ही पुलिसकर्मियों को कई बार 36 घंटे भी काम कराया जा सकता है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था। 18 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई होगी।
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