दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर मारपीट हुई. लात-घूंसे चले और आगजनी हुई. इस मामले में दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. दरअसल, इस पूरे मामले की शुरुआत शनिवार की दोपहर हुई. करीब 2:30 बजे एक वकील ने जब लॉकअप के बाहर अपनी कार पार्क करनी चाही तो लॉकअप की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी से कार पार्क करने को लेकर उसकी बहस हो गई. इस बहस के बाद वकील ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिसवाले को पीट दिया. करीब 2:40 बजे लोकल पुलिस को घटना की जानकारी दी गयी. जानकारी मिलने पर पुलिसवाले इकट्ठा हो गए और देखते-देखते मामला हिंसक मारपीट में बदल गया. करीब पौने 3 बजे पुलिसवाले एक वकील को पीटते हुए अंदर ले आये.
उसे छुड़ाने के लिए वकीलों का झुंड लॉकअप में घुस गया और पुलिसवालों को बेरहमी से पीटा. एक पुलिसवाले को बेल्ट से इतना पीटा कि वह बेहोश हो गया. करीब 3:15 बजे उत्तरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी फ़ोर्स के साथ तीस हज़ारी कोर्ट पहुंचे. वकीलों ने उन्हें भी पीट दिया. वह अपनी जान बचाने के लिए लॉकअप के अंदर चले गए. इसी बीच पुलिस ने कथित तौर पर फायरिंग की. आरोप है कि इसमें विजय वर्मा और रवि नाम के दो वकीलों को गोली लगी. उसके बाद वकीलों ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी. चूंकि आग लॉकअप के ठीक बाहर लगाई गई थी इसलिए लॉकअप में बंद 128 कैदियों का दम घुटने लगा.
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किसी तरह पुलिसकर्मियों ने लॉकअप से पानी डालकर आग बुझाई. इसके बाद वकीलों ने कोर्ट के सभी गेट बंद कर वीडियो बना रहे लोगों के मोबाइल तोड़ दिए. कई पत्रकारों को पीटा. करीब 4:15 बजे स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह पहुंचे. उसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया और एडिशनल डीसीपी को लॉकअप से बाहर निकाला. पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर कई वकीलों की गाड़ियों और चेंबरों में तोड़फोड़ की. करीब पौने 5 बजे हालात काबू में आए. पूरे मामले में 8 वकीलों समेत 28 पुलिसवाले घायल हो गए. दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई. फिलहाल मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी कर रही है.
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