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This Article is From Feb 01, 2016

एमसीडी बताए कहां गया सैलरी का पैसा : मनीष सिसोदिया

एमसीडी बताए कहां गया सैलरी का पैसा : मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में आंकड़े प्रस्तुत करके बताया कि किस तरह आम आदमी पार्टी की मौजूदा सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार और उप-राज्यपाल शासन की तुलना में एमसीडी को सैलरी के लिए ज्यादा रकम दी।

सिसोदिया ने पिछले 4 साल के दौरान सैलरी के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से एमसीडी को दी गई रकम का विवरण पेश किया।  उन्होंने बताया कि नार्थ में कांग्रेस के शासन की तुलना में हमने क्रमश: 313 करोड़ रुपये और 280 करोड़ रुपये ज्यादा दिए।  उप-राज्यपाल शासन की तुलना में 348 करोड़ रुपये ज्यादा दिए। इसके बावजूद फिर किस आधार पर कहा जा रहा है कि हमने एमसीडी को कम पैसा दिया हैं?

नार्थ
  • 2012-13   526 करोड़ रुपये (कांग्रेस सरकार)
  • 2013-14   559 करोड़ रुपये (कांग्रेस सरकार)
  • 2014-15    545 करोड़ रुपये (उप-राज्यपाल का शासन)
  • 2015-16    893 करोड़ रुपये (आम आदमी पार्टी सरकार)

मनीष सिसोदिया ने बताया कि ईस्ट में कांग्रेस के शासन की तुलना में उनकी सरकार ने क्रमश: 197 करोड़ रुपये और 178 करोड़ रुपये ज्यादा दिए। उप-राज्यपाल शासन की तुलना में 100 करोड़ रुपये ज्यादा दिए।

ईस्ट
  • 2012-13   269 करोड़ रुपये (कांग्रेस सरकार)
  • 2013-14   288 करोड़ रुपये (कांग्रेस सरकार)
  • 2014-15   366 करोड़ रुपये (उप-राज्यपाल का शासन)
  • 2015-16   466 करोड़ रुपये (आम आदमी पार्टी सरकार)

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कांग्रेस और एलजी शासन यानी बीजेपी शासन की तुलना में काफी ज्यादा रकम सैलरी के लिए दी। सवाल यह है कि जब एमसीडी को कम रकम मिलती थी तब उसे सैलरी देने में दिक्कत नहीं होती थी, तब हड़ताल नहीं होती थी, अब जबकि ज्यादा रकम मिल रही है तब वह अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे रही। एमसीडी के नेताओं को बताना चाहिए कि यह पैसा आखिर गया कहां?

डीडीए से एमसीडी का बकाया दिलाएं उप राज्यपाल
डीडीए पर ईस्ट एमसीडी का 353 करोड़ रुपये, नार्थ एमसीडी का 808 करोड़ रुपये और साउथ एमसीडी का 593 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन का बकाया है। दिल्ली सरकार ने आज एक कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पारित करके उप-राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे डीडीए पर एमसीडी की बकाया रकम भुगतान करवाने के लिए दखल दें।

उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि डीडीए पर ईस्ट एमसीडी का 353 करोड़ रुपये, नार्थ एमसीडी का 808 करोड़ रुपये और साउथ एमसीडी का 593 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन का बकाया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात को लेकर बहुत चिंतित है कि एमसीडी  कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है। उनकी मांग गलत नहीं है। यह कर्मचारी दिल्ली के ही लोग हैं। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि एमसीडी, डीडीए से अपने टैक्स कलेक्शन के बकाया भुगतान लेने में असफल रहा है। इसलिए यह दिक्कत आ रही है। ऐसे में कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित करके माननीय उप-राज्यपाल से यह अनुरोध किया है क्योंकि वे डीडीए के चेयरमैन भी हैं।

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