
कपिल मिश्रा (फाइल फोटो)
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2010-11 के दौरान सामने आया घोटाला
करीब 400 करोड़ के घोटाले में आरोप
कपिल मिश्रा ने लगाए शीला दीक्षित पर आरोप
इधर पूछताछ के बाद कपिल मिश्रा ने क्या कहा कि लगभग वही हो रहा है, जिसका डर था। एक डीसीपी, दो एसीपी और तीन इंस्पेक्टर चारों तरफ से घेरकर बैठे रहे। इतनी देर तक किसी ने शीला दीक्षित के बारे में नहीं पूछा, न ही घोटाले के बारे में पूछा। उनकी कोशिश थी कि मैं किसी तरह अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलूं या मैं अपने खिलाफ कुछ ऐसा बोल दूं ताकि वो मेरे ऊपर ही मुकदमा कर दें।
उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप है कि उन्होंने घोटाले से जुड़ी रिपोर्ट को करीब साल भर तक दबा कर रखा और उस पर कार्रवाई नहीं की। हाल ही में बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर 400 करोड़ रुपये के इस कथित घोटाले में शीला दीक्षित सरकार और अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
कपिल मिश्रा ने एसीबी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होने से पहले कहा था कि अगर मैंने भ्रष्टाचार किया है तो मुझे जेल में डाल दो। मैंने सारे सबूतों के साथ शीला दीक्षित के घोटालों की रिपोर्ट दी है। उन्हें जेल में क्यों नहीं डाल रहे हो। पीएम मोदी ने शीला दीक्षित को बचाने की ठानी हुई है। एसीबी, सीबीआई और दिल्ली पुलिस सब आपकी है, मुझे जेल में डाल दो।
क्या है वाटर टैंकर घोटाला
- 2010-11 के दौरान सामने आया घोटाला
- पानी की सप्लाई के लिए किराए पर लेने थे टैंकर
- जिन इलाकों में पाइपलाइन नहीं वहां होनी थी सप्लाई
- स्टेनलेस स्टील के 450 टैंकर किराए पर लिए जाने थे
- सरकार ने 2010 में निकाला टेंडर
- टेंडर की कॉस्ट 50.98 करोड़ रुपये रखी गई थी
- 2010 का टेंडर रद्द कर अगले डेढ़ साल में चार बार टेंडर निकाले गए
- टेंडर की कॉस्ट 50.98 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 637 करोड़ की गई
- दिसंबर 2011 में 10 साल के लिए टैंकर किराए पर लिए गए
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