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कांवड़ियों के सात्विक भोजन के लिए विश्व हिंदू परिषद ने शुरू की पहल, बांट रहे सनातनी स्टीकर

वीएचपी ने बवाना में उन दुकानों, रेस्तरां, और किराना स्टोर्स पर “सनातनी स्टीकर” लगाने की शुरुआत की है, जो केवल शाकाहारी और सात्विक भोजन प्रदान कर रहे हैं. इन स्टीकरों पर “गर्व से कहो हम हिंदू हैं” और “सनातनी व्यापारिक संस्थान” जैसे नारे अंकित हैं.

दिल्ली के बवाना इलाके में दुकानों की जांच कर स्टीकर लगाते वीएचपी के कार्यकर्ता.

  • विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली के बवाना क्षेत्र में कांवड़ यात्रियों के लिए शुद्ध सात्विक भोजन उपलब्ध कराने हेतु विशेष निरीक्षण अभियान शुरू किया है.
  • अभियान के तहत शाकाहारी और सात्विक भोजन प्रदान करने वाली दुकानों पर “सनातनी स्टीकर” लगाए जा रहे हैं, जो धार्मिक आस्था के अनुरूप भोजन की पहचान कराते हैं.
  • बवाना में मुरलीवाला स्वीट्स नामक दुकान पर विवाद उत्पन्न हुआ, जहां दुकान के नाम को बदलने का आदेश दिया गया ताकि यात्रियों में भ्रम न हो.
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नई दिल्ली:

सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, और इसके साथ ही कांवड़ यात्रा का उत्साह भी चरम पर है. इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने दिल्ली के बवाना क्षेत्र में एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कांवड़ यात्रियों को उनकी आस्था के अनुरूप शुद्ध सात्विक भोजन आसानी से उपलब्ध हो.

सनातनी स्टीकर-सात्विक भोजन की पहचान

वीएचपी ने बवाना में उन दुकानों, रेस्तरां, और किराना स्टोर्स पर “सनातनी स्टीकर” लगाने की शुरुआत की है, जो केवल शाकाहारी और सात्विक भोजन प्रदान कर रहे हैं. इन स्टीकरों पर “गर्व से कहो हम हिंदू हैं” और “सनातनी व्यापारिक संस्थान” जैसे नारे अंकित हैं, जो कांवड़ यात्रियों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप भोजन खरीद सकते हैं. यह पहल कांवड़ यात्रियों की आध्यात्मिक और आहार संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है, जो यात्रा के दौरान शुद्धता और अनुशासन का पालन करते हैं.

बवाना में मुरलीवाला स्वीट्स विवाद

इस अभियान के दौरान, वीएचपी ने बवाना में “मुरलीवाला स्वीट्स” नामक एक दुकान पर ध्यान केंद्रित किया. वीएचपी का आरोप है कि यह दुकान एक विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा संचालित की जा रही है, जिसका नाम हिंदू भक्तों को भ्रमित कर सकता है.

निरीक्षण के समय दुकान का मालिक मौजूद नहीं था, इसलिए वीएचपी ने फोन पर संपर्क कर मालिक को तीन दिन के भीतर दुकान का नाम बदलने का निर्देश दिया है, ताकि कांवड़ यात्रियों में किसी प्रकार का भ्रम न हो. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि भक्तों को उनकी आस्था के अनुरूप भोजन और सेवा मिले.

सात्विक भोजन का महत्व

आयुर्वेद के अनुसार, सात्विक भोजन शुद्ध, प्राकृतिक, और ऊर्जा प्रदान करने वाला होता है, जो शरीर और मन को संतुलित रखता है. यह भोजन अहिंसा के सिद्धांत पर आधारित होता है और इसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, और डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं.

कांवड़ यात्रा के दौरान, भक्त सात्विक भोजन को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि यह उनकी आध्यात्मिक साधना का एक अभिन्न हिस्सा है. वीएचपी का यह अभियान भक्तों को ऐसी दुकानों तक पहुंचाने में मदद करता है, जो उनकी धार्मिक और आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं.

अभियान का दायरा और भविष्य

वीएचपी ने दिल्ली के विभिन्न जिलों में 150 टीमें बनाई हैं, जो 173 ब्लॉकों में दुकानों का निरीक्षण कर रही हैं. इस अभियान के तहत लगभग 5,000 दुकानों को सनातनी पहचान प्रदान करने का लक्ष्य है. यह पहल न केवल कांवड़ यात्रा तक सीमित है, बल्कि इसके बाद भी जारी रहेगी.

वीएचपी का कहना है कि यह एक स्वैच्छिक प्रमाणन प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य यात्रियों को विश्वास दिलाना है कि वे सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप भोजन खरीद रहे हैं. संगठन भविष्य में इन प्रमाणित दुकानों की सूची तैयार करने और औपचारिक प्रमाणपत्र जारी करने की योजना बना रहा है.

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