फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अफसरों ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मांग की है कि वो तुरंत परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी को बिना गलती के अपमानित करने के लिए माफ़ी मांगें. परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की एसोसिएशन के 'जॉइंट फोरम जॉइंट फोरम ऑफ एसोसिएशन ऑफ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट' ने एक ज्ञापन जाती करके आरोप लगाया कि '3 अगस्त को मंत्री जी के कांफ्रेंस रूम में हुई मीटिंग में ईमानदार परिवहन आयुक्त IAS वर्षा जोशी को मंत्री कैलाश गहलोत ने अपमानित किया और 30 अधीनस्थ अधिकारियों के सामने धमकी दी कि वो उनको करप्शन के गलत मामले में फंसा देंगे. यही नहीं उन्होंने अपने स्टाफ़ को निर्देश दिया कि इनको मेरे कमरे में घुसने मत देना'.
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दरअसल, दिल्ली में चुनी हुई सरकार के मंत्री और IAS अफसरों के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ताज़ा मामला है दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन सचिव (परिवहन आयुक्त) वर्षा जोशी के बीच हुई गर्मागर्म बहस का है. दरअसल दिल्ली विधानसभा का सत्र 6 अगस्त से शुरू हो रहा है और उससे पहले विधायकों ने जो सवाल पूछे हैं उसपर जवाबों को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली सचिवालय में एक शुक्रवार 3 अगस्त को एक बैठक बुलाई गई. विपक्ष के एक विधायक ने सवाल पूछा था 'क्या बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में मुख्यमंत्री के इंस्पेक्शन के दौरान कोई अनियमितता पाई गई?' जवाब में परिवहन आयुक्त ने लिखा- 'नहीं'. इसपर परिवहन मंत्री कैलाश ने कहा कि 'वहां दलालों के घूमने और बिना पैसे दिए काम ना हो पाने की बात लिखी जानी चाहिए'.
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बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ अफसरों ने बताया कि परिवहन मंत्री की बात का जवाब देते हुए 1995 बैच की IAS अधिकारी वर्षा जोशी ने कहा 'बुराड़ी में जब मुख्यमंत्री आये थे तो वहां कुछ नहीं था, केवल ये बोल देने से काम नहीं होगा कि सब भ्रष्ट हैं' लेकिन कैलाश गहलोत ने लगातार ये बात लिखने को कहा कि बुराड़ी में अनियमितता पाई गई. लेकिन जब परिवहन आयुक्त नहीं मानी तो कैलाश गहलोत ने कहा -'मुझे मत सिखाओ. करप्शन में तुमको पकड़वा दूंगा' जिसके जवाब में परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी ने कहा 'चलिए देखते हैं, मैं क्या भ्रष्ट हूँ?'. इसके गर्मागर्म बहस के बाद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत बैठक छोड़कर चले गए.
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अधिकारियों के जॉइंट फोरम ने आरोप लगाया है कि 'इस मामले का सीधा कनेक्शन 10 जुलाई को हुई कैबिनेट की कैबिनेट से जिसमें 1000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के मामले में वर्षा जोशी ने सुझाव दिया कि 2500 करोड़ रुपये की योजना पर आगे बढ़ने से पहले एक डिटेल्ड प्रजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जानी चाहिए. यहीं नहीं उन्होंने DIMTS को इस मामले में कंसलटेंट नियुक्त किये जाने पर भी आपत्ति की थी, क्योंकि उसको इसका कोई अनुभव नहीं. लेकिन इस बैठक के बाद कैबिनेट की वीडियो रिकॉर्डिंग बंद करवा दी गयी और प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गयी'.
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अधिकारियों ने ये भी आरोप लगाया कि मंत्री जी एक खास कंपनी को ई बसों का 2500 करोड़ का टेंडर दिलवाना चाहते हैं जिसका परिवहन सचिव ने विरोध किया था.
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दरअसल, दिल्ली में चुनी हुई सरकार के मंत्री और IAS अफसरों के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ताज़ा मामला है दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन सचिव (परिवहन आयुक्त) वर्षा जोशी के बीच हुई गर्मागर्म बहस का है. दरअसल दिल्ली विधानसभा का सत्र 6 अगस्त से शुरू हो रहा है और उससे पहले विधायकों ने जो सवाल पूछे हैं उसपर जवाबों को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली सचिवालय में एक शुक्रवार 3 अगस्त को एक बैठक बुलाई गई. विपक्ष के एक विधायक ने सवाल पूछा था 'क्या बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में मुख्यमंत्री के इंस्पेक्शन के दौरान कोई अनियमितता पाई गई?' जवाब में परिवहन आयुक्त ने लिखा- 'नहीं'. इसपर परिवहन मंत्री कैलाश ने कहा कि 'वहां दलालों के घूमने और बिना पैसे दिए काम ना हो पाने की बात लिखी जानी चाहिए'.
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