दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर चिंताओं का समाधान नहीं किया गया, तो नई कर व्यवस्था से भारी अफरा-तफरी मच सकती है. उन्होंने कहा कि जीएसटी से व्यापारी डरे हुए हैं, लोग चिंतित हैं.
सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी का विचार काफी अच्छा है, लेकिन उन्होंने इसको लागू करने के तरीके को लेकर केंद्र की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार को एकीकृत कर उपाय लागू करने के लिए बेहतर तैयार करनी चाहिए थी.'
जीएसटी पर 'इंडिया टुडे' के एक कार्यक्रम में सिसोदिया ने कहा, 'व्यापारी डरे हुए हैं. लोग चिंतित हैं.' जीएसटी लागू करने को लेकर संसद के केंद्रीय कक्ष में आज मध्यरात्रि में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
सिसोदिया ने कहा, 'विशेष जीएसटी सॉफ्टवेयर का परीक्षण किया गया है. यह 'फुलप्रूफ' नहीं हैं, लेकिन वे उसे शुरू करने जा रहे हैं. मैं यह समझ नहीं पाया कि इतनी जल्दबाजी की जरूरत क्या थी. जीएसटी एक बढ़िया विचार है, लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं.' आम आदमी पार्टी नेता ने कहा कि उन्हें जीएसटी में लोगों के लिए कोई लाभ नहीं दिखता.
सिसोदिया ने कहा, 'जब आप बड़े कर सुधार की बात करते हैं, यह ऐसा होना चाहिए जिससे लोगों और व्यापारियों को लाभ हो. मुझे नहीं लगता कि लोगों या व्यापारियों को इससे लाभ होगा. व्यापारी डरे हुए हैं. लोग चिंतित हैं.' उन्होंने दाल, चप्पल और कपड़े जैसे घरेलू सामान पर कर लगाने को लेकर अप्रसन्नता जताई.
सिसोदिया ने कहा, 'यह पहला मौका है जब कपड़ों पर भी जीएसटी लगाया गया है. जीएसटी से केवल सरकार की आय बढ़ेगी और कीमतें निश्चित रूप से बढ़ेगी. 28 प्रतिशत कर से आम लोगों पर बड़ा बोझ पड़ेगा.' उन्होंने कहा कि अगर कर की दर कम होती, लोग खुशी-खुशी कर का भुगतान करते और कालाबाजारी में कमी आती, तभी जीएसटी के क्रियान्वयन का समारोह मनाने का मतलब होता.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी का विचार काफी अच्छा है, लेकिन उन्होंने इसको लागू करने के तरीके को लेकर केंद्र की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार को एकीकृत कर उपाय लागू करने के लिए बेहतर तैयार करनी चाहिए थी.'
जीएसटी पर 'इंडिया टुडे' के एक कार्यक्रम में सिसोदिया ने कहा, 'व्यापारी डरे हुए हैं. लोग चिंतित हैं.' जीएसटी लागू करने को लेकर संसद के केंद्रीय कक्ष में आज मध्यरात्रि में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
सिसोदिया ने कहा, 'विशेष जीएसटी सॉफ्टवेयर का परीक्षण किया गया है. यह 'फुलप्रूफ' नहीं हैं, लेकिन वे उसे शुरू करने जा रहे हैं. मैं यह समझ नहीं पाया कि इतनी जल्दबाजी की जरूरत क्या थी. जीएसटी एक बढ़िया विचार है, लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं.' आम आदमी पार्टी नेता ने कहा कि उन्हें जीएसटी में लोगों के लिए कोई लाभ नहीं दिखता.
सिसोदिया ने कहा, 'जब आप बड़े कर सुधार की बात करते हैं, यह ऐसा होना चाहिए जिससे लोगों और व्यापारियों को लाभ हो. मुझे नहीं लगता कि लोगों या व्यापारियों को इससे लाभ होगा. व्यापारी डरे हुए हैं. लोग चिंतित हैं.' उन्होंने दाल, चप्पल और कपड़े जैसे घरेलू सामान पर कर लगाने को लेकर अप्रसन्नता जताई.
सिसोदिया ने कहा, 'यह पहला मौका है जब कपड़ों पर भी जीएसटी लगाया गया है. जीएसटी से केवल सरकार की आय बढ़ेगी और कीमतें निश्चित रूप से बढ़ेगी. 28 प्रतिशत कर से आम लोगों पर बड़ा बोझ पड़ेगा.' उन्होंने कहा कि अगर कर की दर कम होती, लोग खुशी-खुशी कर का भुगतान करते और कालाबाजारी में कमी आती, तभी जीएसटी के क्रियान्वयन का समारोह मनाने का मतलब होता.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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