नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और दक्षिणी पूर्वी दिल्ली की पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में यूपी से 7 अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने 12 सितंबर की शाम दिल्ली के जैतपुर इलाके से एक डॉक्टर और उसके कंपाउंडर को अगवा कर उसके परिवार से 25 करोड़ की फिरौती मांग रहे थे.
पुलिस के मुताबिक 25 से 30 साल की उम्र के अपहरणकर्ताओं के नाम मुकेश, मनीष, गौरव, राहुल, विपिन, छत्रपाल और रामबेश हैं. ये सभी मैनपुरी, इटावा और शाहजहांपुर के रहने वाले हैं.
पुलिस का कहना है कि 13 सितंबर को फरीदाबाद के रहने वाले आनंद कुमार वर्मा ने शिकायत दी कि 12 सितंबर की शाम जब उनका बेटा विनोद कुमार वर्मा अपने जैतपुर के क्लीनिक से अपने कंपाउंडर अजय के साथ लौट रहा था तो किसी ने उसे कार समेत अगवा कर लिया.
उसके बाद डॉक्टर के परिवार को 25 करोड़ की फिरौती के लिए लगातार फ़ोन आने लगे. आखिर में अपहर्ता डॉक्टर की रिहाई के बदले 39 लाख रुपये ही लेने पर राजी हो गये.
जांच में पता चला कि कॉल यूपी के अलग अलग जिलों जैसे एटा, बदायूं, शाहजंहापुर और कायमगंज से आ रहें हैं. पुलिस रिहाई की रकम और डॉक्टर के पिता को साथ लेकर गयी और आखिर किसी तरह डॉक्टर को रिहा करा लिया गया.
उसके बाद एक-एक कर सभी आरोपी पकड़ में आए. पुलिस के मुताबिक आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इनमें से एक मनीष डॉक्टर के क्लीनिक के पास ही किराये के कमरे पर रहता है. करीब 3 महीने पहले उसके कमरे में उसके तीन दोस्त रहने आये जिन्हें पैसे की जरूरत थी. उन्होंने देखा कि बगल में जो डॉक्टर का क्लीनिक है वो अच्छा पैसा कमाता है और तभी डॉक्टर को अगवा करने के प्लान तैयार हो गया.
वारदात वाले दिन 2 आरोपी बाइक पर आये और फिर फायरिंग कर डॉक्टर को उन्हीं की कार में अगवा कर लिया.
पुलिस के मुताबिक 25 से 30 साल की उम्र के अपहरणकर्ताओं के नाम मुकेश, मनीष, गौरव, राहुल, विपिन, छत्रपाल और रामबेश हैं. ये सभी मैनपुरी, इटावा और शाहजहांपुर के रहने वाले हैं.
पुलिस का कहना है कि 13 सितंबर को फरीदाबाद के रहने वाले आनंद कुमार वर्मा ने शिकायत दी कि 12 सितंबर की शाम जब उनका बेटा विनोद कुमार वर्मा अपने जैतपुर के क्लीनिक से अपने कंपाउंडर अजय के साथ लौट रहा था तो किसी ने उसे कार समेत अगवा कर लिया.
उसके बाद डॉक्टर के परिवार को 25 करोड़ की फिरौती के लिए लगातार फ़ोन आने लगे. आखिर में अपहर्ता डॉक्टर की रिहाई के बदले 39 लाख रुपये ही लेने पर राजी हो गये.
जांच में पता चला कि कॉल यूपी के अलग अलग जिलों जैसे एटा, बदायूं, शाहजंहापुर और कायमगंज से आ रहें हैं. पुलिस रिहाई की रकम और डॉक्टर के पिता को साथ लेकर गयी और आखिर किसी तरह डॉक्टर को रिहा करा लिया गया.
उसके बाद एक-एक कर सभी आरोपी पकड़ में आए. पुलिस के मुताबिक आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इनमें से एक मनीष डॉक्टर के क्लीनिक के पास ही किराये के कमरे पर रहता है. करीब 3 महीने पहले उसके कमरे में उसके तीन दोस्त रहने आये जिन्हें पैसे की जरूरत थी. उन्होंने देखा कि बगल में जो डॉक्टर का क्लीनिक है वो अच्छा पैसा कमाता है और तभी डॉक्टर को अगवा करने के प्लान तैयार हो गया.
वारदात वाले दिन 2 आरोपी बाइक पर आये और फिर फायरिंग कर डॉक्टर को उन्हीं की कार में अगवा कर लिया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं