
जामा मस्जिद और लाल किले में बम की झूठी सूचना देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी जामा मस्जिद थाने की पुलिस टीम ने की है. आरोपी ने पहचान छुपाने के लिए चोरी का मोबाइल और सिम कार्ड इस्तेमाल किया था.
10 अप्रैल को दिल्ली पुलिस की इमरजेंसी हेल्पलाइन 112 पर एक कॉल आई, जिसमें कॉलर ने दावा किया कि जामा मस्जिद और लाल किले में बम लगाए गए हैं.
इस कॉल से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. सुरक्षा एजेंसियां तुरंत अलर्ट पर आ गईं. जांच में पता चला कि यह कॉल पूरी तरह से झूठी थी. इसके बाद जामा मस्जिद थाने में केस दर्ज किया गया.
जांच के दौरान तकनीकी निगरानी, IMEI ट्रैकिंग, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और CCTV फुटेज की मदद से उस मोबाइल नंबर की पहचान हुई, जिससे कॉल की गई थी. वह नंबर गाज़ियाबाद के लोनी देहात निवासी सद्दाम के नाम पर रजिस्टर्ड था, लेकिन सद्दाम ने बताया कि उसका मोबाइल 6 अप्रैल को रुड़की के कालेर इलाके में खो गया था.
आगे की जांच में पता चला कि फोन अब करावल नगर निवासी आसिफ नामक व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है. जब टीम उसके घर पहुंची, तो वह फरार था. लगातार निगरानी और ग्राउंड इंटेलिजेंस के जरिए आसिफ को 14 अप्रैल की रात करीब 11 बजे जीटीबी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में आसिफ ने बताया कि उसे कालेर, रुड़की में वह मोबाइल फोन सड़क पर पड़ा मिला था. 10 अप्रैल को नशे की हालत में उसने दिल्ली के पहाड़गंज इलाके से 112 पर कॉल कर झूठी बम की सूचना दी थी. कॉल करने के बाद उसने सिम तोड़कर फेंक दी ताकि कोई सुराग न मिले। पुलिस ने वह मोबाइल हैंडसेट बरामद कर लिया है.
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