नई दिल्ली:
दिल्ली हाइकोर्ट में पूर्वी और उत्तरी नगर निगम ने जो कहा है वो नगर निगम के दावों पर ही सवाल खड़े कर रहा है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली हाइकोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई में कहा है कि उन्होंने दिसंबर तक का कर्मचारियों का वेतन दे दिया है, जबकि जनवरी 2016 के बाद के वेतन का पैसा उनके पास नहीं है।
दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट में जो दलील रखी है वो इसीलिए चौंका रही है और सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि अभी तक नगर निगम के मेयर खुलकर दावा कर रहे थे कि तीन महीने से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी हड़ताल पर गए। अब सवाल ये है कि सच क्या है? वो जो मेयर बोलते रहे या जो अदालत के समक्ष रखा गया?
अगर मान लें कि तथ्य और विश्वसनीय वही ज़्यादा माना जाता है जो अदालत के सामने कहा जाता है, मीडिया के सामने वाला नहीं तो ऐसे में सवाल उठेगा कि अगर दिसंबर तक का वेतन दिया जा चुका था, तो फिर केवल एक महीने का वेतन ही देर हुआ वो भी जनवरी ख़त्म होने पर फिर 27 जनवरी से ही नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर कैसे चले गए?
वैसे हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के विवाद पर केंद्र सरकार से जवाब देने को कहा है। इससे पहले दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगम ने अपना जवाब अदालत में दाखिल किया, अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट में जो दलील रखी है वो इसीलिए चौंका रही है और सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि अभी तक नगर निगम के मेयर खुलकर दावा कर रहे थे कि तीन महीने से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी हड़ताल पर गए। अब सवाल ये है कि सच क्या है? वो जो मेयर बोलते रहे या जो अदालत के समक्ष रखा गया?
अगर मान लें कि तथ्य और विश्वसनीय वही ज़्यादा माना जाता है जो अदालत के सामने कहा जाता है, मीडिया के सामने वाला नहीं तो ऐसे में सवाल उठेगा कि अगर दिसंबर तक का वेतन दिया जा चुका था, तो फिर केवल एक महीने का वेतन ही देर हुआ वो भी जनवरी ख़त्म होने पर फिर 27 जनवरी से ही नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर कैसे चले गए?
वैसे हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के विवाद पर केंद्र सरकार से जवाब देने को कहा है। इससे पहले दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगम ने अपना जवाब अदालत में दाखिल किया, अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
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