योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण ने रविवार को शांतिपूर्ण ''हल्ला बोल'' अभियान शुरू किया. इसके तहत अजमेरी गेट वाले शराब की दुकान को बंद करवा दिया गया. भारी पुलिस बल की उपस्थिति में प्रशांत भूषण के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने शराब की दुकान को बंद करवा दिया.
ठेका बंद होने के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि अब हम सबको स्वराज के सिद्धांत के अनुरूप इस ठेके को ना खुलने देने की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अगर यह ठेका इसके बाद भी बंद नहीं होता, तो वो इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे.
गौरतलब है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के नेतृत्व में स्वराज अभियान दिल्ली में ''शराब नहीं, स्वराज चाहिए'' मुहिम चला रहा है. इस मुहिम के तहत जनता की मर्जी के खिलाफ़ खोले गए शराब की दुकानों को बंद करवाने के लिए, दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जनसुनवाई के माध्यम से दिल्ली सरकार को 11 सितंबर का अल्टीमेटम दिया गया था. दिल्ली सरकार द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई. अल्टीमेटम खत्म होने के बाद यह हल्ला बोल अभियान शुरू हुआ है.
प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी की सरकार को महिला सुरक्षा और नशामुक्ति के वादे पर नाकामी के लिए घेरा. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में सरकार का राजस्व 600 करोड़ बढ़ा है लेकिन सरकार ने नशामुक्ति के लिए कुछ काम नहीं किया है.
तिमारपुर विधायक पंकज पुष्कर ने कहा कि लड़ाई सरकार और जनता के बीच नहीं, सरकार में शराब माफिया से हाथ मिला चुके लोगों और दिल्ली के लोगों के बीच है. उन्होंने कहा कि दिल्ली को शराब की मंडी नहीं बनने दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर जनता अपने हाथ में जिम्मेदारी लेगी.
ठेका बंद होने के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि अब हम सबको स्वराज के सिद्धांत के अनुरूप इस ठेके को ना खुलने देने की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अगर यह ठेका इसके बाद भी बंद नहीं होता, तो वो इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे.
गौरतलब है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के नेतृत्व में स्वराज अभियान दिल्ली में ''शराब नहीं, स्वराज चाहिए'' मुहिम चला रहा है. इस मुहिम के तहत जनता की मर्जी के खिलाफ़ खोले गए शराब की दुकानों को बंद करवाने के लिए, दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जनसुनवाई के माध्यम से दिल्ली सरकार को 11 सितंबर का अल्टीमेटम दिया गया था. दिल्ली सरकार द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई. अल्टीमेटम खत्म होने के बाद यह हल्ला बोल अभियान शुरू हुआ है.
प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी की सरकार को महिला सुरक्षा और नशामुक्ति के वादे पर नाकामी के लिए घेरा. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में सरकार का राजस्व 600 करोड़ बढ़ा है लेकिन सरकार ने नशामुक्ति के लिए कुछ काम नहीं किया है.
तिमारपुर विधायक पंकज पुष्कर ने कहा कि लड़ाई सरकार और जनता के बीच नहीं, सरकार में शराब माफिया से हाथ मिला चुके लोगों और दिल्ली के लोगों के बीच है. उन्होंने कहा कि दिल्ली को शराब की मंडी नहीं बनने दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर जनता अपने हाथ में जिम्मेदारी लेगी.
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