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पूर्व DGP प्रशांत कुमार बने शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, अखिलेश यादव ने फेक एनकाउंटर के बहाने साधा निशाना

बिहार के मूल निवासी प्रशांत कुमार 1990 बैच के IPS अधिकारी रहे हैं. वे अपनी कार्यशैली और तकनीकी पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं. इसी साल जून में DGP पद से रिटायर हुए.

पूर्व DGP प्रशांत कुमार बने शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, अखिलेश यादव ने फेक एनकाउंटर के बहाने साधा निशाना
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व DGP प्रशांत कुमार को शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है
  • समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रशांत कुमार की नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है
  • प्रशांत कुमार 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं और जून में DGP पद से रिटायर हुए हैं
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उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. सीएम योगी के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में गिने जाने वाले प्रशांत कुमार की नियुक्ति को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है. हालांकि, इस नियुक्ति के साथ ही प्रदेश में सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस नियुक्ति पर कड़ा ऐतराज जताया है.

अब मिलेंगी फेक नौकरियां- अखिलेश यादव

लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कटाक्ष करते हुए प्रशांत कुमार को बधाई तो दी, लेकिन साथ ही उनके कार्यकाल पर गंभीर सवाल भी खड़े किए. अखिलेश यादव ने कहा, "प्रदेश में फेक एनकाउंटर के बाद अब फेक नौकरियां भी देखने को मिलेंगी." इस बयान के जरिए उन्होंने न केवल पूर्व DGP की भूमिका पर सवाल उठाए, बल्कि यूपी में हुए पुलिस एनकाउंटर्स को भी कटघरे में खड़ा कर दिया.

'अनुभव से आयोग में लगेंगे चार चांद'

विपक्ष के हमलों के बीच प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस नियुक्ति का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत कुमार अनुभवी अधिकारी रहे हैं, ऐसे में शिक्षकों की चयन प्रक्रिया और शिक्षा संबंधी बाकी कामों में प्रशांत कुमार के अनुभव का लाभ मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि प्रशांत कुमार के अनुभव से उम्मीद है कि वो आयोग के कामकाज में चार चांद लगाएंगे.

कौन हैं प्रशांत कुमार? 

बिहार के मूल निवासी प्रशांत कुमार 1990 बैच के IPS अधिकारी रहे हैं. वे अपनी कार्यशैली और तकनीकी पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं. इसी साल जून में DGP पद से रिटायर हुए. माना जा रहा था कि उनको एक्सटेंशन मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद से कयास लग रहे थे कि उन्हें शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुखिया बनाया जा सकता है और इसकी औपचारिक घोषणा भी कर दी गई. अगले तीन सालों तक वो बतौर आयोग के अध्यक्ष काम करेंगे. 

प्रशांत कुमार की शिक्षा की बात करें तो हाल ही में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली है. इससे पहले उन्होंने जूलॉजी में एमएससी, डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए और डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज में एमफिल की डिग्रियां हासिल की हैं. पहले एडीजी रहते हुए और बाद में डीजीपी रहकर उन्होंने पुलिस सुधार पर काम किया.

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