नई दिल्ली:
देश के अग्रणी उद्यमी तथा मोबाइल वॉलेट पेटीएम (Paytm) के संस्थापक विजय शेखर शर्मा का कहना है कि दिल्ली में छाई धुंध ने उनकी पांच साल पहले की गई चीन यात्रा के दौरान की भयावह यादें ताज़ा कर दीं.
विजय शेखर शर्मा के मुख्य निवेशक चीनी अरबपति जैक मा हैं, और पिछले कुछ सालों से वह लगातार चीन यात्राएं कर रहे हैं. विजय शेखर शर्मा ने ट्वीट किया, "जब मैं पांच साल पहले बीजिंग में था, मुझे 500-700 मीटर दूर स्टेडियम दिखाई ही नहीं दे रहा था... मैंने अपने मित्र से कहा कि यह डरावना है, लेकिन आज सुबह दिल्ली के चाणक्यपुरी में भी मेरे साथ वैसा ही हुआ..." माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर एक के बाद एक कई पोस्ट में उन्होंने कहा कि दिल्ली में कार चलाना 'तनावपूर्ण' है.
दरअसल, दीवाली के त्योहार के बाद से दिल्ली के आकाश में घनी प्रदूषित धुंध छाई हुई है. NDTV से बातचीत में विजय शेखर शर्मा ने कहा कि उन्होंने दिल्ली की प्रदूषित हवा से बचने के लिए बेंगलुरू में रहना शुरू कर दिया था, लेकिन फिर जाना, वहां के हालात भी बेहतर नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि बच्चों को दमे की शिकायत हो जाएगी, और सब वही झेलेंगे, जो हम झेल रहे हैं..." इन दिनों यही चिंता बहुत-से माता-पिता को सताती रहती है, जिन्हें अपने बच्चों को सुबह-सुबह भी ऐसी ही प्रदूषित हवा में स्कूल भेजना पड़ता है.
विजय शेखर शर्मा के मुताबिक, ऐसे उद्यमियों को समर्थन देने और उनके प्रोजेक्टों में निवेश करने की ज़ोरदार ज़रूरत है, जो हवा को साफ रखने की दिशा में काम कर रहे हों. विजय शेखर शर्मा ने कहा, "मैं स्टार्टअप में निवेश करूंगा, पूरी तरह ऐसी ही कंपनियों पर फोकस करूंगा, और सिर्फ मुनाफे के लिए काम नहीं करूंगा..."
उन्होंने कहा कि भारत को प्रदूषण मापने के लिए बेहतर डाटा की ज़रूरत है, और अब पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा किया जाना खतरनाक होगा. उन्होंने कहा, "हम चिंता नहीं करते, लेकिन प्रदूषण की वृद्धि और उसकी गति खतरनाक हैं..."
उन्होंने अंत में सीधा सवाल भी किया, "वृद्धि और विकास का क्या फायदा, अगर हम अपने बच्चों को साफ हवा भी न दे सकें..."
विजय शेखर शर्मा के मुख्य निवेशक चीनी अरबपति जैक मा हैं, और पिछले कुछ सालों से वह लगातार चीन यात्राएं कर रहे हैं. विजय शेखर शर्मा ने ट्वीट किया, "जब मैं पांच साल पहले बीजिंग में था, मुझे 500-700 मीटर दूर स्टेडियम दिखाई ही नहीं दे रहा था... मैंने अपने मित्र से कहा कि यह डरावना है, लेकिन आज सुबह दिल्ली के चाणक्यपुरी में भी मेरे साथ वैसा ही हुआ..." माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर एक के बाद एक कई पोस्ट में उन्होंने कहा कि दिल्ली में कार चलाना 'तनावपूर्ण' है.
दरअसल, दीवाली के त्योहार के बाद से दिल्ली के आकाश में घनी प्रदूषित धुंध छाई हुई है. NDTV से बातचीत में विजय शेखर शर्मा ने कहा कि उन्होंने दिल्ली की प्रदूषित हवा से बचने के लिए बेंगलुरू में रहना शुरू कर दिया था, लेकिन फिर जाना, वहां के हालात भी बेहतर नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि बच्चों को दमे की शिकायत हो जाएगी, और सब वही झेलेंगे, जो हम झेल रहे हैं..." इन दिनों यही चिंता बहुत-से माता-पिता को सताती रहती है, जिन्हें अपने बच्चों को सुबह-सुबह भी ऐसी ही प्रदूषित हवा में स्कूल भेजना पड़ता है.
विजय शेखर शर्मा के मुताबिक, ऐसे उद्यमियों को समर्थन देने और उनके प्रोजेक्टों में निवेश करने की ज़ोरदार ज़रूरत है, जो हवा को साफ रखने की दिशा में काम कर रहे हों. विजय शेखर शर्मा ने कहा, "मैं स्टार्टअप में निवेश करूंगा, पूरी तरह ऐसी ही कंपनियों पर फोकस करूंगा, और सिर्फ मुनाफे के लिए काम नहीं करूंगा..."
उन्होंने कहा कि भारत को प्रदूषण मापने के लिए बेहतर डाटा की ज़रूरत है, और अब पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा किया जाना खतरनाक होगा. उन्होंने कहा, "हम चिंता नहीं करते, लेकिन प्रदूषण की वृद्धि और उसकी गति खतरनाक हैं..."
उन्होंने अंत में सीधा सवाल भी किया, "वृद्धि और विकास का क्या फायदा, अगर हम अपने बच्चों को साफ हवा भी न दे सकें..."
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