प्रतिकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
सुनन्दा पुष्कर मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने वाले बिंदु पर जांच कर रहे अधिकारी पर अब खुद खुदकशी के लिए उकसाने का आरोप लगा है. जांच अधिकारी वीकेपीएस यादव पर एक शख़्स को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके में, जहां वे एसएचओ हैं वहां एक शख्स ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली और उसके घर की दीवार पर लिखा हुआ मिला कि 'एसएचओ वीकेपीएस यादव ने केस बनाया. मेरी मौत का जिम्मेदार वही है'. पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है. मामले की जांच एक दूसरे पुलिस अधिकारी को दी गयी है. शुक्रवार रात करीब 9 बजे पुलिस को जानकारी मिली थी कि कोटला मुबारकपुर इलाके में रहने वाले 26 साल के सुदीप ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली है. जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. फॉरेंसिक टीम को क्राइम सीन पर बुलाया गया. कमरे से तमाम सुराग और सबूत इकठ्ठा किये गए.
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दीवार पर लिखे गए इस सुसाइड नोट को हैंड राइटिंग एक्सपर्ट को जांच के लिए भेजा गया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि इलाके का एसएचओ सुदीप और उसके परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहा था. दरअसल,पीड़ित का कोटला मुबारकपुर इलाके मे पांच मंजिला मकान है. जिसमें परिवार पीजी चलाता है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि परिवार ने पीजी में नियम इस तरह के बनाये हुए थे कि अगर कोई शख्स पीजी छोड़ कर जायेगा तो उसे 6 महीने का किराया भरना होगा और इसी बात पर अकसर सुदीप और उसके परिवार का छात्रों से झगड़ा होता रहता है. सुदीप नाम के जिस युवक ने खुदकशी की है उसके खिलाफ उसके पीजी में रह रहे कुछ छात्रों ने कोटला मुबारकपुर थाने मे ही लूट और चोरी की एफआईआर दर्ज कराई है. लूट के इस केस मे न सिर्फ सुदीप का नाम था बल्कि पिता और बहन भी आरोपी हैं.
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक खुद पर केस रजिस्टर हो जाने के बाद सुदीप की बहन ने भी उन छात्रों पर रेप और छेड़छाड़ के दो केस रजिस्टर करवाये थे, जो जांच के बाद फर्जी पाए गए थे. जिसको लेकर पुलिस ने कोर्ट में भी स्टेटस रिपोर्ट दायर की हुई थी. इन दोनों केस में पुलिस ने मृतक की बहन के खिलाफ ही फर्जी केस रजिस्टर कराने का केस दर्ज किया हुआ है, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया हुआ था. जांच के दौरान ये भी पता चला है कि मृतक पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन से गुजर रहा था. जिसका इलाज इभास अस्पताल में चल रहा था. वहीं अब परिवार थाने के एसएचओ पर घर पर कब्जा और घूस मांगने का आरोप लगा रहा है. फिलहाल इस केस की जांच ग्रेटर कैलाश थाने के एसएचओ को सौंप दी गयी है. पुलिस ये भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या वाकई दीवार पर लिखी ये लाइन मृतक सुदीप ने ही लिखी थी. पुलिस के मुताबिक 2017 में केस दर्ज करने के बाद से एसएचओ परिवार के संपर्क में नहीं था.
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