दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय कहते हैं दिल्ली में पिछली बार जब ऑड-ईवन लागू हुआ था तब हम लोगों ने दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ऑड-ईवन को लागू किया था। लेकिन दिल्ली जो भीड़ भाड़ से मुक्त हुई वो दिल्ली को गिफ्ट में मिला।
इससे ऑड-ईवन के दौरान ना सिर्फ प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से निजात मिली बल्कि इसके कई सारे सामाजिक प्रभाव देखने को मिले। जो लोग लम्बे समय से अपने पड़ोसी से बात नहीं करते थे, उन लोगों ने कार पूल करना शुरू किया, एक दूसरे से बात करना शुरू किया, एक दूसरे से ताल मेल बैठना शुरू किया। जिन संबंधों में दरार आ गयी थी वो दोबारा बहाल हुए। गोपाल राय आगे कहते हैं, 'दूसरा प्रभाव ये हुआ कि जो लोग दो घंटे सड़क पर दौड़ते थे घर जाने के लिए और वो घर नहीं पहुंच पाते थे, उनकी गाड़ी एक घंटे में घर पहुंच गयी। जिनके पास समय की किल्लत थी उनके परिवार के साथ बिताने के लिए समय मिला। तीसरा प्रभाव ये दिखा कि सड़कें जब खाली हुईं तो लोगों के अंदर ट्रैफिक जाम को लेकर जो गुस्सा था और जिसकी वजह से दुर्घटना होती थी, उसमें 60 प्रतिशत कमी आयी, अस्पतालों में इस तरह के केस आने काम हो गये। कई तरह के प्रभाव ऑड-ईवन ने लोगों की ज़िन्दगी में जोड़ा है, जिसका परिणाम हुआ कि 15 दिन के बाद पूरी दिल्ली में ऑड-ईवन को दोबारा लाने के लिए मांग शुरू हुई जो दोबारा आने जा रहा है।
किनको मिलेगी छूट
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय कहते हैं कि पिछली बार जो मुख्य तौर पर छूट थी उसमें वीवीआईपी के अलावा उनके साथ जो इमरजेंसी सीएनजी के स्टिकर लगी गड़ियां है, 12 साल के बच्चे के साथ गाड़ी चला रही महिला, मेडिकल इमरजेंसी, शारीरिक चुनौती वालों को भी छूट है। इस बार एक नया अध्याय जोड़ा गया है कि अगर स्कूली ड्रेस में बच्चे हैं गाड़ी में, उनको आते जाते छूट दी जाएगी। बच्चों को स्कूल छोड़ने जाने वाले अभिभावकों से रूबरू होते हुए परिवहन मंत्री कहते है कि सुबह 8 बजे तक छूट का ही इस्तेमाल करें, टाइम से और पहले इस काम को करना पड़ेगा तभी ये फार्मूला सफल हो सकता है, लेकिन दोपहर के समय लेने जाने के लिए दिक्कत है। परिवहन मंत्री आगे कहते हैं कि हमने अध्ययन किया है, उसमे 85 प्रतिशत महिलाएं दोपहर में लेने जाती हैं, जिनको छूट है।
परिवहन मंत्री गोपाल राय कहते हैं कि ऑल इंडिया परमिट की गाड़ियों को छूट है लेकिन दूसरे प्रदेशों से आने वाली गाड़ियों पर भी ये फॉर्मूला लागू होगा। उनको सुबह 8 बजे से पहले या रात 8 बजे के बाद दिल्ली से गुज़ारना पड़ेगा, इस बीच में उनको कहीं न कहीं रुकना पड़ेगा।
आवाम से गुजारिश
परिवहन मंत्री ने दिल्ली की अवाम से गुज़ारिश की कि उनको मुहिम की निगरानी करनी है, अपनी गली, मोहल्ले, सड़क पर आप की नज़र में ऑड-ईवन नंबर की गाड़ी गलत तरीके से नज़र आये तो उसे रोक कर निवेदन करें कि दिल्ली की ज़िन्दगी और बच्चों की खातिर आप इसका पालन करें। दूसरा दिल्ली के सभी सामाजिक संगठनों, व्यापारी संगठन, आरडब्लूए से निवेदन है कि इस कड़ी धूप में सिविल डिफेंस के वॉलेंटियर्स चौराहों पर खड़े होकर गांधीगिरी करेंगे और लोगों को समझाएंगे। उन वालेंटियर्स को प्रोत्साहित करें, क्योंकि वो दिल्ली की ज़िन्दगी के खातिर चौराहों पर खड़े होंगे। फ़र्ज़ी स्टिकर्स और फ़र्ज़ी नंबर प्लेट के साथ पकड़े गए व्यक्ति को कतई बख्शा नहीं जायेगा, उसके ऊपर जुर्माने के साथ धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।
इससे ऑड-ईवन के दौरान ना सिर्फ प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से निजात मिली बल्कि इसके कई सारे सामाजिक प्रभाव देखने को मिले। जो लोग लम्बे समय से अपने पड़ोसी से बात नहीं करते थे, उन लोगों ने कार पूल करना शुरू किया, एक दूसरे से बात करना शुरू किया, एक दूसरे से ताल मेल बैठना शुरू किया। जिन संबंधों में दरार आ गयी थी वो दोबारा बहाल हुए। गोपाल राय आगे कहते हैं, 'दूसरा प्रभाव ये हुआ कि जो लोग दो घंटे सड़क पर दौड़ते थे घर जाने के लिए और वो घर नहीं पहुंच पाते थे, उनकी गाड़ी एक घंटे में घर पहुंच गयी। जिनके पास समय की किल्लत थी उनके परिवार के साथ बिताने के लिए समय मिला। तीसरा प्रभाव ये दिखा कि सड़कें जब खाली हुईं तो लोगों के अंदर ट्रैफिक जाम को लेकर जो गुस्सा था और जिसकी वजह से दुर्घटना होती थी, उसमें 60 प्रतिशत कमी आयी, अस्पतालों में इस तरह के केस आने काम हो गये। कई तरह के प्रभाव ऑड-ईवन ने लोगों की ज़िन्दगी में जोड़ा है, जिसका परिणाम हुआ कि 15 दिन के बाद पूरी दिल्ली में ऑड-ईवन को दोबारा लाने के लिए मांग शुरू हुई जो दोबारा आने जा रहा है।
किनको मिलेगी छूट
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय कहते हैं कि पिछली बार जो मुख्य तौर पर छूट थी उसमें वीवीआईपी के अलावा उनके साथ जो इमरजेंसी सीएनजी के स्टिकर लगी गड़ियां है, 12 साल के बच्चे के साथ गाड़ी चला रही महिला, मेडिकल इमरजेंसी, शारीरिक चुनौती वालों को भी छूट है। इस बार एक नया अध्याय जोड़ा गया है कि अगर स्कूली ड्रेस में बच्चे हैं गाड़ी में, उनको आते जाते छूट दी जाएगी। बच्चों को स्कूल छोड़ने जाने वाले अभिभावकों से रूबरू होते हुए परिवहन मंत्री कहते है कि सुबह 8 बजे तक छूट का ही इस्तेमाल करें, टाइम से और पहले इस काम को करना पड़ेगा तभी ये फार्मूला सफल हो सकता है, लेकिन दोपहर के समय लेने जाने के लिए दिक्कत है। परिवहन मंत्री आगे कहते हैं कि हमने अध्ययन किया है, उसमे 85 प्रतिशत महिलाएं दोपहर में लेने जाती हैं, जिनको छूट है।
परिवहन मंत्री गोपाल राय कहते हैं कि ऑल इंडिया परमिट की गाड़ियों को छूट है लेकिन दूसरे प्रदेशों से आने वाली गाड़ियों पर भी ये फॉर्मूला लागू होगा। उनको सुबह 8 बजे से पहले या रात 8 बजे के बाद दिल्ली से गुज़ारना पड़ेगा, इस बीच में उनको कहीं न कहीं रुकना पड़ेगा।
आवाम से गुजारिश
परिवहन मंत्री ने दिल्ली की अवाम से गुज़ारिश की कि उनको मुहिम की निगरानी करनी है, अपनी गली, मोहल्ले, सड़क पर आप की नज़र में ऑड-ईवन नंबर की गाड़ी गलत तरीके से नज़र आये तो उसे रोक कर निवेदन करें कि दिल्ली की ज़िन्दगी और बच्चों की खातिर आप इसका पालन करें। दूसरा दिल्ली के सभी सामाजिक संगठनों, व्यापारी संगठन, आरडब्लूए से निवेदन है कि इस कड़ी धूप में सिविल डिफेंस के वॉलेंटियर्स चौराहों पर खड़े होकर गांधीगिरी करेंगे और लोगों को समझाएंगे। उन वालेंटियर्स को प्रोत्साहित करें, क्योंकि वो दिल्ली की ज़िन्दगी के खातिर चौराहों पर खड़े होंगे। फ़र्ज़ी स्टिकर्स और फ़र्ज़ी नंबर प्लेट के साथ पकड़े गए व्यक्ति को कतई बख्शा नहीं जायेगा, उसके ऊपर जुर्माने के साथ धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।
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