उत्तराखंड में आई आपदा के बाद मुरादनगर से निकलने वाली अपर गंगा कैनाल यानी गंग नहर के पानी में मलबा, कीचड़, गाद के चलते दिल्ली के भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सोनिया विहार वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावित हुए. हमारे सहयोगी शरद शर्मा भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे और अपनी रिपोर्ट में वह बताया कि इस समय किस तरह का पानी आना चाहिए था और किस तरह का आ रहा है.
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए बताया कि दिल्ली के दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सोनिया विहार और भागीरथी मिलकर 250MGD पानी का प्रोडक्शन करते हैं. इन दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से दक्षिण दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली को पानी सप्लाई होता है. उत्तराखंड में आपदा आई जिसके बाद गंगा नदी से आ रही गंग नहर के पानी में गंदगी का स्तर बढ़ गया.
उन्होंने बताया कि गंदगी का स्तर नापने के लिए हम NTU नाम का पैमाना इस्तेमाल करते हैं. फरवरी के महीने में जो NTU 100 के आसपास रहता है लेकिन उत्तराखंड की आपदा के चलते गंदगी का स्तर 8000 एनटीयू तक पहुंच गया. इस पानी के अंदर गंदगी मलबा कीचड़ गमले के टुकड़े और कई प्रकार के पदार्थ पाए गए जिसके चलते हमें अपने दो प्लांट को क्षमता से नीचे लाना पड़ा और 30-40% क्षमता पर ही काम कर सके.
राघव चड्ढा ने कहा, ''अब हमने गंग नहर के पानी में लगभग 90% गंदगी साफ कर दी है. अब भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता फिर से 100 फ़ीसदी पर आ गई है. सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 80 से 90 फ़ीसदी तक सुबह 10 बजे पहुंच गई थी, शाम तक 100% हो सकती है. अगले 24 घंटे में पानी की सारी समस्या दूर होने का विश्वास है.''
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