बुराड़ी में ललित के पड़ोसी मीडिया से काफी नाराज हैं
नई दिल्ली:
बुराड़ी के घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में मीडिया में कई तरह की खबरें आ रही हैं लेकिन कुछ खबरों को लेकर ललित के घर के आसपास रहने वाले उसके पड़ोसी बेहद नाराज़ हैं. सभी पड़ोसियों ने हमसे संपर्क किया और इकट्ठा होकर अपनी बात रखी.
तो आखिर क्यों वो नाराज़ हैं सुनिए उन्हीं की जुबानी...
पड़ोसी वीरेंद्र त्यागी कहते हैं, "सबसे ज्यादा नाराज़गी मुझे इस बात से है कि ये जो अफवाहें फैलाई जा रहीं हैं, इस गली में कोई भी ऐसा परिवार नहीं है जो मकान बेचने के लिए तैयार हो, या कोई छोड़ कर जा रहा है, उस कोने से लेकर इस कोने तक ऐसा कोई नहीं है जो छोड़कर जा रहा हो, तो ये अफवाहें ही हैं ये बिल्कुल गलत हैं."
एक अन्य पड़ोसी श्रीराम यादव ने कहा, "मीडिया आता है, उनकी जो मतलब की बातें करते हैं उनको तो सुनते हैं बाकी को हम हैं, हम कहते हैं कि हमें दुख है, न हमें भय है और न हमारे बच्चों को भय है, हम इस तरह की बातें बोलते हैं तो वो हटा लेते हैं हमसे.
बुराड़ी कांड: ललित अपने पिता समेत 5 आत्माओं को दिलाना चाहता था 'मुक्ति'
अमरीक सिंह ने बताया कि शुक्रवार को एक चैनल के लोग एक बाबा को लेकर आए, माहौल ऐसा बनाया जैसे सब तांत्रिक हों, फिर सारे गली के लोगों ने उन्हें खदेड़ा, फिर वो किसी और गली में गए और वहां शूट किया और वो कह रहे हैं हम पड़ोसी हैं, कोई पड़ोसी नहीं है, यहां जितने लोग बैठे हैं उनसे आप पूछ लो, सबका आधार कार्ड भी चेक कर लो, और हमारे और कुलदीप के बारे में तो ये बोला गया है कि हमारे जो सामने और अगल-बगल में मकान हैं हम बेच कर चले गए हैं. यह भी कहा गया कि मेरे पिताजी को जिन्होंने सबसे पहले देखा उनको हमने इलाज के लिए हरिद्वार भेज दिया है, जबकि वो आपके सामने बैठें हैं.
पड़ोसी नरेश कहते हैं, "हमारे मोहल्ले में न तो किसी को तकलीफ है, न कोई डर है, सब यहां शांति से रह रहे हैं. जो हुआ गलत हुआ, दुखद हुआ, वो जांच पुलिस कर रही है, बाकी जो ये फैलाया जा रहा है, डर फैलाया जा रहा है, मीडिया पे आप सब ये कहते हो ये अंधविश्वास से मारे गए, हम कहते हैं वो तो मारे गए लेकिन मीडिया अंधविश्वास से कितने लोगों को मार रहा है आज, कोई डर नहीं है यहां.
क्या ललित का पालतू कुत्ता खोलेगा बुराड़ी कांड का 'राज'?
मंदिर के पुजारी मुझसे आकर पूछ रहे हैं मंदिर आते थे क्या, पूजा करवाते थे क्या, मंदिर तो रोज आते थे बड़े भाई भुवेश और शनि-मंगल को ललित आते थे, हनुमान जी का पाठ करते थे, भोग लगाते थे और चले जाते थे. मेरे बारे में जो भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं वो गलत हैं. हवन भी एक बार कराया जब उनका गृह प्रवेश हुआ.
डॉक्टर रविंद्र ने बताया, "मेरा क्लीनिक उनके घर के नज़दीक ही है, तो ऐसा है कि यहां डर का कोई माहौल नहीं है, ये जो डर क्रिएट किया जा रहा है ये जानबूझकर, किसी स्कूल के बच्चे से पूछना कि कैसा लग रहा है, बच्चे को क्या पता कैसा लग रहा है. मैं अपने मरीजों से पूछता हूं उन्हें कैसा लगा रहा है, सब बोलते हैं उन्हें कोई डर नहीं लग रहा है.''
टीपी शर्मा बताते हैं, "मैं बिल्कुल इनका पड़ोसी हूं, मेरा घर इनके घर के ठीक सामने हैं, मैं रात 12-1 बजे उठकर देखता हूं ऐसा कुछ तो नहीं है, कुछ नज़र नहीं आया, यहां भ्रम फैलाया जा रहा है कि यहां ऐसा होता है वैसा होता है. मरने वाले तो मर कर चले गए, जो जी रहे हैं उनको जीने नहीं दिया जा रहा है. मीडिया की तरफ से इतना खौफ पैदा कर रहे हैं, इसे सुसाइड गली नाम दे दिया गया, भूत बंगला नाम दे दिया गया, जब हमें कुछ नहीं दिख रहा तो औरों के कैसे दिख रहा है?"
एक अन्य पड़ोसी प्रीतपाल कौर कहती हैं, "मीडिया में ऐसा आ रहा है कि यहां हमें बचाओ हमें बचाओ, ऐसी आवाज़े आ रही हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. शुक्रवार रात में 12-1 बजे हमारे बच्चे छत घूम के आये, उन्हें कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी, हमारा घर बिल्कुल सामने है. मीडिया है जो अपने चैनल को चलाने के लिए झूठ पर झूठ दे रहा है, जिससे खौफ दिखता रहे और चैनल चलता रहे."
रीता शर्मा ने कहा, 'हमें सभी के मरने का दुख है, लेकिन पुलिस ने गली के दोनों तरफ बैरिकेड लगा रखे हैं, इसलिए गली में लोग आ-जा नहीं पा रहे हैं. अब ये कहते हैं कि गली में सन्नाटा पसरा है, दूसरी गलियों के लोग इंटरव्यू दे रहे हैं, हम डर रहे हैं इससे."
निहाल सिंह, "कुछ मीडिया वाले शुक्रवार को घरों में घुस गए, महिलाओं और बच्चों के मुंह में माइक लगा दिए, फिर उनसे हमारी हाथापाई तक हो गयी. कुछ दिखा रहे हैं कि घर की छत पर किसी ने कपड़े धोए हैं, बाल्टी भरी है जबकि ऐसा कुछ नहीं है, हमें इस दहशत से बचाओ. पूरे संत नगर को उन्होंने भूत नगर कह दिया है."
VIDEO: बुराड़ी कांड: मीडिया पर खबर को सनसनीखेज बनाने का आरोप, NDTV पर जताया भरोसा
पड़ोसी किशन ने बताया, "यहां कोई भुवेश या ललित की आत्मा नहीं घूम रही, यहां मीडिया की आत्मा घूम रही है, हमें इस मीडिया की आत्मा से बचाओ. ये डर का माहौल बना रखा है, छोटे-छोटे बच्चों के मुंह में कैमरा लगा कर पूछ रहे हैं, क्या उनके घरों में लोग नहीं मरते, क्या किसी के मां-बाप भूत बनते हैं, भगवान उन्हें सदबुद्धि दे, हमें चैन से जीने दें."
पड़ोसी चाहते हैं कि अब मीडिया उनके दरवाज़ों के सामने से हट जाए या सही तस्वीर दिखाए.
तो आखिर क्यों वो नाराज़ हैं सुनिए उन्हीं की जुबानी...
पड़ोसी वीरेंद्र त्यागी कहते हैं, "सबसे ज्यादा नाराज़गी मुझे इस बात से है कि ये जो अफवाहें फैलाई जा रहीं हैं, इस गली में कोई भी ऐसा परिवार नहीं है जो मकान बेचने के लिए तैयार हो, या कोई छोड़ कर जा रहा है, उस कोने से लेकर इस कोने तक ऐसा कोई नहीं है जो छोड़कर जा रहा हो, तो ये अफवाहें ही हैं ये बिल्कुल गलत हैं."
एक अन्य पड़ोसी श्रीराम यादव ने कहा, "मीडिया आता है, उनकी जो मतलब की बातें करते हैं उनको तो सुनते हैं बाकी को हम हैं, हम कहते हैं कि हमें दुख है, न हमें भय है और न हमारे बच्चों को भय है, हम इस तरह की बातें बोलते हैं तो वो हटा लेते हैं हमसे.
बुराड़ी कांड: ललित अपने पिता समेत 5 आत्माओं को दिलाना चाहता था 'मुक्ति'
अमरीक सिंह ने बताया कि शुक्रवार को एक चैनल के लोग एक बाबा को लेकर आए, माहौल ऐसा बनाया जैसे सब तांत्रिक हों, फिर सारे गली के लोगों ने उन्हें खदेड़ा, फिर वो किसी और गली में गए और वहां शूट किया और वो कह रहे हैं हम पड़ोसी हैं, कोई पड़ोसी नहीं है, यहां जितने लोग बैठे हैं उनसे आप पूछ लो, सबका आधार कार्ड भी चेक कर लो, और हमारे और कुलदीप के बारे में तो ये बोला गया है कि हमारे जो सामने और अगल-बगल में मकान हैं हम बेच कर चले गए हैं. यह भी कहा गया कि मेरे पिताजी को जिन्होंने सबसे पहले देखा उनको हमने इलाज के लिए हरिद्वार भेज दिया है, जबकि वो आपके सामने बैठें हैं.
पड़ोसी नरेश कहते हैं, "हमारे मोहल्ले में न तो किसी को तकलीफ है, न कोई डर है, सब यहां शांति से रह रहे हैं. जो हुआ गलत हुआ, दुखद हुआ, वो जांच पुलिस कर रही है, बाकी जो ये फैलाया जा रहा है, डर फैलाया जा रहा है, मीडिया पे आप सब ये कहते हो ये अंधविश्वास से मारे गए, हम कहते हैं वो तो मारे गए लेकिन मीडिया अंधविश्वास से कितने लोगों को मार रहा है आज, कोई डर नहीं है यहां.
क्या ललित का पालतू कुत्ता खोलेगा बुराड़ी कांड का 'राज'?
मंदिर के पुजारी मुझसे आकर पूछ रहे हैं मंदिर आते थे क्या, पूजा करवाते थे क्या, मंदिर तो रोज आते थे बड़े भाई भुवेश और शनि-मंगल को ललित आते थे, हनुमान जी का पाठ करते थे, भोग लगाते थे और चले जाते थे. मेरे बारे में जो भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं वो गलत हैं. हवन भी एक बार कराया जब उनका गृह प्रवेश हुआ.
डॉक्टर रविंद्र ने बताया, "मेरा क्लीनिक उनके घर के नज़दीक ही है, तो ऐसा है कि यहां डर का कोई माहौल नहीं है, ये जो डर क्रिएट किया जा रहा है ये जानबूझकर, किसी स्कूल के बच्चे से पूछना कि कैसा लग रहा है, बच्चे को क्या पता कैसा लग रहा है. मैं अपने मरीजों से पूछता हूं उन्हें कैसा लगा रहा है, सब बोलते हैं उन्हें कोई डर नहीं लग रहा है.''
टीपी शर्मा बताते हैं, "मैं बिल्कुल इनका पड़ोसी हूं, मेरा घर इनके घर के ठीक सामने हैं, मैं रात 12-1 बजे उठकर देखता हूं ऐसा कुछ तो नहीं है, कुछ नज़र नहीं आया, यहां भ्रम फैलाया जा रहा है कि यहां ऐसा होता है वैसा होता है. मरने वाले तो मर कर चले गए, जो जी रहे हैं उनको जीने नहीं दिया जा रहा है. मीडिया की तरफ से इतना खौफ पैदा कर रहे हैं, इसे सुसाइड गली नाम दे दिया गया, भूत बंगला नाम दे दिया गया, जब हमें कुछ नहीं दिख रहा तो औरों के कैसे दिख रहा है?"
एक अन्य पड़ोसी प्रीतपाल कौर कहती हैं, "मीडिया में ऐसा आ रहा है कि यहां हमें बचाओ हमें बचाओ, ऐसी आवाज़े आ रही हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. शुक्रवार रात में 12-1 बजे हमारे बच्चे छत घूम के आये, उन्हें कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी, हमारा घर बिल्कुल सामने है. मीडिया है जो अपने चैनल को चलाने के लिए झूठ पर झूठ दे रहा है, जिससे खौफ दिखता रहे और चैनल चलता रहे."
रीता शर्मा ने कहा, 'हमें सभी के मरने का दुख है, लेकिन पुलिस ने गली के दोनों तरफ बैरिकेड लगा रखे हैं, इसलिए गली में लोग आ-जा नहीं पा रहे हैं. अब ये कहते हैं कि गली में सन्नाटा पसरा है, दूसरी गलियों के लोग इंटरव्यू दे रहे हैं, हम डर रहे हैं इससे."
निहाल सिंह, "कुछ मीडिया वाले शुक्रवार को घरों में घुस गए, महिलाओं और बच्चों के मुंह में माइक लगा दिए, फिर उनसे हमारी हाथापाई तक हो गयी. कुछ दिखा रहे हैं कि घर की छत पर किसी ने कपड़े धोए हैं, बाल्टी भरी है जबकि ऐसा कुछ नहीं है, हमें इस दहशत से बचाओ. पूरे संत नगर को उन्होंने भूत नगर कह दिया है."
VIDEO: बुराड़ी कांड: मीडिया पर खबर को सनसनीखेज बनाने का आरोप, NDTV पर जताया भरोसा
पड़ोसी किशन ने बताया, "यहां कोई भुवेश या ललित की आत्मा नहीं घूम रही, यहां मीडिया की आत्मा घूम रही है, हमें इस मीडिया की आत्मा से बचाओ. ये डर का माहौल बना रखा है, छोटे-छोटे बच्चों के मुंह में कैमरा लगा कर पूछ रहे हैं, क्या उनके घरों में लोग नहीं मरते, क्या किसी के मां-बाप भूत बनते हैं, भगवान उन्हें सदबुद्धि दे, हमें चैन से जीने दें."
पड़ोसी चाहते हैं कि अब मीडिया उनके दरवाज़ों के सामने से हट जाए या सही तस्वीर दिखाए.
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