प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के लिए 23 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए 4200 से अधिक नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं. नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख सोमवार को समाप्त हो गई और नामांकन पत्र दाखिल करने की आज सभी दलों के उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवारों में जल्दी रही. बड़ी पार्टियों में आप से 1033 प्रत्याशियों ने जबकि भाजपा और कांग्रेस से क्रमश: 565 और 544 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. नामांकन में डुप्लिकेट उम्मीदवारों के नाम भी शामिल हैं जिन्हें मुख्य उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द हो जाने की स्थिति से निपटने के लिए पर्चा भरवाया जाता है.
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आज देर रात जारी आंकड़े के अनुसार कुल 4240 नामांकन पत्रों में से आज 3249 नामांकन पत्र दाखिल किए गए. एमसीडी की 272 सीटों के लिए मतदान 23 अप्रैल को होंगे. उत्तर और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में 104-104 सीटें हैं जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 सीटें हैं. एमसीडी का 2012 में बंटवारा करके एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी का गठन किया गया था.
बीजेपी ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए 100 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी और अंतिम सूची जारी कर दी, जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है. नामांकन दायर करने की समयसीमा खत्म होने से कुछ ही घंटे पहले यह सूची जारी की गई. भाजपा का टिकट हासिल करने वाले प्रमुख चेहरों में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अनिल झा की पत्नी पूनम पराशर झा शामिल हैं. वह उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के मुबारकपुर डबास वार्ड से चुनाव लड़ेंगी.
दिल्ली नगर निगम चुनावों के टिकटों को लेकर राजनीतिक दलों में घमासान मचा हुआ है. जिनको टिकट मिल गया वे पार्टी का जय-जयकार कर रहे हैं और जिनकों नहीं मिला वे मुंह फुलाए पार्टी और नेताओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस का हाल यह है कि यहां टिकट बंटवारे से नाराज एक पूर्व विधायक अमरीश सिंह गौतम तो पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. जबकि वरिष्ठ नेता डॉ. एके वालिया समेत कई नेताओं ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है.
अमरीश सिंह गौतम पूर्वी दिल्ली के कोंडली से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रहे हैं. उनका आरोप हैं कि निगम चुनावों में टिकट बांटने में उनकी अनदेखी की गई है. बिना उनसे सलाह किए चुनाव में उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं. अमरीश इस बात से इतने ख़फा हुए कि उन्होंने फौरन ही कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया और अपने बेटे अविनाश गौतम के साथ बीजेपी में शामिल हो गए.
उन्होंने ने कहा, "मैंने कांग्रेस छोड़ दी, क्योंकि मेरे क्षेत्र और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही थी और बिना हमसे परामर्श लिए टिकटों का बंटवारा किया जा रहा था, मैंने उपेक्षित महसूस किया."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आज देर रात जारी आंकड़े के अनुसार कुल 4240 नामांकन पत्रों में से आज 3249 नामांकन पत्र दाखिल किए गए. एमसीडी की 272 सीटों के लिए मतदान 23 अप्रैल को होंगे. उत्तर और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में 104-104 सीटें हैं जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 सीटें हैं. एमसीडी का 2012 में बंटवारा करके एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी का गठन किया गया था.
बीजेपी ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए 100 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी और अंतिम सूची जारी कर दी, जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है. नामांकन दायर करने की समयसीमा खत्म होने से कुछ ही घंटे पहले यह सूची जारी की गई. भाजपा का टिकट हासिल करने वाले प्रमुख चेहरों में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अनिल झा की पत्नी पूनम पराशर झा शामिल हैं. वह उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के मुबारकपुर डबास वार्ड से चुनाव लड़ेंगी.
दिल्ली नगर निगम चुनावों के टिकटों को लेकर राजनीतिक दलों में घमासान मचा हुआ है. जिनको टिकट मिल गया वे पार्टी का जय-जयकार कर रहे हैं और जिनकों नहीं मिला वे मुंह फुलाए पार्टी और नेताओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस का हाल यह है कि यहां टिकट बंटवारे से नाराज एक पूर्व विधायक अमरीश सिंह गौतम तो पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. जबकि वरिष्ठ नेता डॉ. एके वालिया समेत कई नेताओं ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है.
अमरीश सिंह गौतम पूर्वी दिल्ली के कोंडली से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रहे हैं. उनका आरोप हैं कि निगम चुनावों में टिकट बांटने में उनकी अनदेखी की गई है. बिना उनसे सलाह किए चुनाव में उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं. अमरीश इस बात से इतने ख़फा हुए कि उन्होंने फौरन ही कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया और अपने बेटे अविनाश गौतम के साथ बीजेपी में शामिल हो गए.
उन्होंने ने कहा, "मैंने कांग्रेस छोड़ दी, क्योंकि मेरे क्षेत्र और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही थी और बिना हमसे परामर्श लिए टिकटों का बंटवारा किया जा रहा था, मैंने उपेक्षित महसूस किया."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं