प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली के राजोरी गार्डन में पुलिस ने एक ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया है जो एटीएम से एक खास तरीके से पैसे निकालता था खास बात ये होती थी कि पैसे एटीएम से तो निकल जाते लेकिन अकाउंट से नहीं निकलते थे. पुलिस की गिरफ्त में आए शख्स जिसका नाम दिनेश कुमार लाल है जिसने एमबीए की डिग्री हासिल की है और एक प्राइवेट कंपनी में बतौर ऑडिटर के तौर पर काम करता है जिसका काम बैंक एटीएम में कैश जमा कराना था. लेकिन दिनेश ने यूट्यूब पर एटीएम से पैसे निकलने का एक ऐसा शातिर तरीका खोज निकाला जिसको जानकर पुलिस के भी होश उड़ गए और उस नायाब तरीके से उसने बैंक को हजारों में नहीं बल्कि पूरे 21 लाख रुपए का चूना लगा दिया.
यूट्यूब से दिनेश को पता चल गया था कि अगर पैसा निकालते वक़्त एटीएम में लगे सेंसर को धोखा दे दिया जाए तो पैसा तो निकल जाएगा लेकिन वो अकाउंट से नहीं कटेगा. आपको बता दे दिनेश एटीएम से पैसा निकालते वक़्त जैसे ही पैसा निकलता था. ऊपर और नीचे का आखिरी नोट छोड़कर बीच के सारे नोट पकड़ लेता था और पकड़े हुए नोट को तब तक खींचता नहीं था, जब तक टाइम आउट न हो जाए. एक पर्टिकुलर समय तक जब नोट को कोई नहीं निकलता या खींचता है तो एटीएम पैसा वापिस अंदर खींच लेता है. इसी का फ़ायदा उठाता था दिनेश और जैसे ही टाइम आउट होता था ये बीच के पकड़े नोट बाहर खींच लेता था. जालसाजी को करने के लिए दिनेश एक ख़ास गत्ते का भी इस्तेमाल करता था.
दिनेश ने पिछले 8 महीने में 200 से ज्यादा बार ट्रांजेक्शन किए. हर बार पैसे निकालकर उसे डिक्लाइन करवा देता था. राजोरी गार्डन के यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के बैंक का जब ऑडिट हुआ तब 21 लाख की गड़बड़ी सामने आई. जिसकी शिकायत पुलिस से की गई तो सीसीटीवी और बैंक ऑडिट डिटेल्स के जरिये पुलिस दिनेश तक पहुंच गई. पुलिस ने दिनेश के पास से 8 एटीएम कार्ड बरामद कर लिए हैं. पुलिस को लगता है कि इसने ओर भी कई बैंको को इसी तरह चूना लगाया है.
यूट्यूब से दिनेश को पता चल गया था कि अगर पैसा निकालते वक़्त एटीएम में लगे सेंसर को धोखा दे दिया जाए तो पैसा तो निकल जाएगा लेकिन वो अकाउंट से नहीं कटेगा. आपको बता दे दिनेश एटीएम से पैसा निकालते वक़्त जैसे ही पैसा निकलता था. ऊपर और नीचे का आखिरी नोट छोड़कर बीच के सारे नोट पकड़ लेता था और पकड़े हुए नोट को तब तक खींचता नहीं था, जब तक टाइम आउट न हो जाए. एक पर्टिकुलर समय तक जब नोट को कोई नहीं निकलता या खींचता है तो एटीएम पैसा वापिस अंदर खींच लेता है. इसी का फ़ायदा उठाता था दिनेश और जैसे ही टाइम आउट होता था ये बीच के पकड़े नोट बाहर खींच लेता था. जालसाजी को करने के लिए दिनेश एक ख़ास गत्ते का भी इस्तेमाल करता था.
दिनेश ने पिछले 8 महीने में 200 से ज्यादा बार ट्रांजेक्शन किए. हर बार पैसे निकालकर उसे डिक्लाइन करवा देता था. राजोरी गार्डन के यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के बैंक का जब ऑडिट हुआ तब 21 लाख की गड़बड़ी सामने आई. जिसकी शिकायत पुलिस से की गई तो सीसीटीवी और बैंक ऑडिट डिटेल्स के जरिये पुलिस दिनेश तक पहुंच गई. पुलिस ने दिनेश के पास से 8 एटीएम कार्ड बरामद कर लिए हैं. पुलिस को लगता है कि इसने ओर भी कई बैंको को इसी तरह चूना लगाया है.
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