देश के जारी कोरोना संकट के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन-4 को लेकर सोमवार शाम को नए दिशा-निर्देश जारी किए. केजरीवाल ने दिल्ली में शर्तों के साथ बस, टैक्सी, कैब, ऑटो, ई रिक्शा, प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों को खोलने की इजाजत दे दी. दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए नए दिशा निर्देशों पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली में रियायत इस उम्मीद के साथ दी गई है कि लोग खुद अनुशासन और सतर्कता के साथ दुकान पर या बाजार में या अपने काम पर जाएंगे. लॉकडाउन खोलना भी बहुत जरूरी था क्योंकि लोग परेशान हो रहे थे, लोग सवाल पूछ रहे थे कि हम घर कैसे चलाएं, हमने अपनी दुकान 2 महीने से घर बंद रखी है. चार लोगों को हमें नौकरी दे रखी है. उनको तनख्वाह कहां से दें. सिसोदिया के मुताबिक लोगों के यह सवाल वाजिब भी थे. अब लोग सतर्क होंगे तो कोरोना के साथ जीने की आदत पड़ेगी.
दिल्ली सरकार के फैसले पर पूर्वी दिल्ली से BJP सांसद गौतम गंभीर ने आपत्ति जताई है. इस पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि गौतम गंभीर जी के मन में कुछ और समाधान है तो वह भी हमको बताएं. हमने तो सब से पूछा है. उन्होंने बताया कि सुझावों के लिए दिल्ली के सीएम ने गौतम गंभीर से बात भी की थी. इस लॉकडाउन के बाद दिल्ली की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार को डॉक्टर इंजीनियर, टीचर्स सब की तनख्वाह देनी है. दिल्ली को हर महीने करीब 3500 करोड़ (खर्चा) की जरूरत होती है लेकिन पिछले महीने 500-600 करोड़ रूपये आए थे और इस महीने भी अभी तक करीब 400 करोड ही रुपए आए हैं. ऐसे अगर टैक्स आएगा तो हम तो तनख्वाह भी नहीं दे पाएंगे. उन्होंने बताया कि राज्यों को जो केंद्र की तरफ से आपदा प्रबंधन के लिए मदद मिलती है उसमें दिल्ली को शामिल नहीं किया जाता है. इसलिए इन सब के बीच हमें दिल्ली के रास्ते निकालने पड़ेंगे.
आज से दिल्ली में बल सेवाएं भी शुरू हुई हैं, लोग शिकायत कर रहे हैं कि बसें मिलने में बहुत समय लग रहा है, साथ ही बसों के अंदर स्क्रीनिंग और मार्शल की व्यवस्था नहीं दिख रही है. इस पर जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक से दो दिनों में सभी चीजों को सामान्य होने लगेंगी. सभी चीजें बंद थी बहुत सारे ड्राइवर इधर-उधर फंसे हुए थे. अब ड्राइवर भी आ रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि जरूरी काम हो तभी बाहर निकले केवल घूमने के लिए बाहर ना निकले.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था के नुकसान पर चर्चा करते हुए कहा कि फिलहाल हम ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम को बढ़ावा दे रहे हैं है लेकिन ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम पर्सनल एजुकेशन सिस्टम का सब्सीट्यूट नहीं हो सकता. अभी गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं स्कूल वैसे भी बंद रहने थे, अभी भी बंद रहेंगे. लेकिन गर्मियों की छुट्टियों के बाद क्या होगा यह हम जून के आखिर में इसका खाका तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर स्थितियां सामान्य हो जाएंगी तो दिल्ली गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल खोले जाएंगे.
प्रवासी मजदूरों की स्थितियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि सोमवार शाम तक हमने 65000 प्रवासी लोगों को उनके गृह राज्यों तक भिजवा दिया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अपनी गाइडलाइन में एक कॉम्प्लिकेटेड प्वाइंड डाला है, जिसके अनुसार, जिस राज्य में लोगों को जाना है, पहले वहां की सरकार से सहमति लेना अनिवार्य है. तो जैसे जैसे राज्यों से सहमति आती जाएगी हम लोगों को भेजते जाएंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं