हाल ही में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने छात्रावास में कर्फ्यू की तुलना 'लक्ष्मण रेखा' से की थी....
नई दिल्ली:
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के विवादित बयान पर बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. मेनका ने कहा था कि 'हार्मोन से जुड़े बदलावों' से लड़कियों को बचाने के लिए छात्रावास से उनके निकलने पर समयसीमा लागू होनी चाहिए.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि मेनका को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान 'हार्मोनल आउटबर्स्ट होके रहेगा' और 'लक्ष्मण रेखा की सरकार, नहीं चलेगी अबकी बार' जैसे नारे भी लगाए. केंद्रीय मंत्री ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में छात्रावास में कर्फ्यू की तुलना 'लक्ष्मण रेखा' से की थी.
मेनका ने कहा था, "जब आप 16 या 17 साल के होते हैं तो आप पर हार्मोन काफी असर करते हैं. लिहाजा, खुद को हार्मोन के विस्फोट से बचाने के लिए शायद एक लक्ष्मण रेखा जरूरी है. यह असल में आपकी अपनी सुरक्षा के लिए है." उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि यह पाबंदी लड़कों एवं लड़कियों, दोनों पर समान रूप से लागू की जानी चाहिए.
मेनका ने कहा, "मैं एक अभिभावक के रूप में ऐसा कह रही हूं. उन्हें समय का सदुपयोग अध्ययन के लिए करना चाहिए." बहरहाल, मेनका ने हार्मोन के स्तर पर चुनौती संबंधी अपनी टिप्पणी पर यह कहते हुए स्पष्टीकरण दिया कि उनका कहने का तात्पर्य था कि "छात्र अपने नए परिवेश और स्वतंत्रता को लेकर उत्साहित होते हैं. उन्हें अपने चारों तरफ संरक्षण की दीवार चाहिए होती है। हार्मोन से मेरा मतलब किसी भी तरह यौन संबंधी नहीं था."
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि मेनका को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान 'हार्मोनल आउटबर्स्ट होके रहेगा' और 'लक्ष्मण रेखा की सरकार, नहीं चलेगी अबकी बार' जैसे नारे भी लगाए. केंद्रीय मंत्री ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में छात्रावास में कर्फ्यू की तुलना 'लक्ष्मण रेखा' से की थी.
मेनका ने कहा था, "जब आप 16 या 17 साल के होते हैं तो आप पर हार्मोन काफी असर करते हैं. लिहाजा, खुद को हार्मोन के विस्फोट से बचाने के लिए शायद एक लक्ष्मण रेखा जरूरी है. यह असल में आपकी अपनी सुरक्षा के लिए है." उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि यह पाबंदी लड़कों एवं लड़कियों, दोनों पर समान रूप से लागू की जानी चाहिए.
मेनका ने कहा, "मैं एक अभिभावक के रूप में ऐसा कह रही हूं. उन्हें समय का सदुपयोग अध्ययन के लिए करना चाहिए." बहरहाल, मेनका ने हार्मोन के स्तर पर चुनौती संबंधी अपनी टिप्पणी पर यह कहते हुए स्पष्टीकरण दिया कि उनका कहने का तात्पर्य था कि "छात्र अपने नए परिवेश और स्वतंत्रता को लेकर उत्साहित होते हैं. उन्हें अपने चारों तरफ संरक्षण की दीवार चाहिए होती है। हार्मोन से मेरा मतलब किसी भी तरह यौन संबंधी नहीं था."
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