
- दिल्ली पुलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट टीम ने थाईलैंड से जुड़े साइबर रंगदारी मामले का भंडाफोड़ किया है
- आरोपियों ने एक कारोबारी को बच्चों की हत्या की धमकी देकर क्रिप्टोकरेंसी में पैसे मांगे थे
- पुलिस ने एडवांस्ड साइबर टूल्स से कॉल और QR कोड की जांच कर ट्रांजैक्शन का सोर्स थाईलैंड पाया
साइबर ठगी का नेटवर्क अब विदेशों तक जा पहुंचा है. दिल्ली से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें थाईलैंड से आरोपियों के तार जुड़े मिले हैं. दरअसल दिल्ली पुलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट टीम ने एक साइबर रंगदारी मामले का भंडाफोड़ किया है. तीन आरोपियों ने थाईलैंड से व्हाट्सएप कॉल कर एक कारोबारी को बच्चों की हत्या की धमकी दी और क्रिप्टोकरेंसी में पैसे मांगे. पुलिस की साइबर जांच से पूरा खेल पकड़ा गया और जैसे ही आरोपी भारत लौटे, उन्हें दबोच लिया गया.
क्या है पूरा मामला?
मामला DBG रोड थाना इलाके का है. यहां एक कारोबारी ने पुलिस को शिकायत दी कि उसे एक इंटरनेशनल व्हाट्सएप कॉल आई है. कॉलर ने खुद को एक कुख्यात गैंगस्टर बताते हुए कहा कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उसके बच्चों को गोली मार दी जाएगी. कॉलर ने पीड़ित को धमकाते हुए एक क्रिप्टो QR कोड भी भेजा और वहीं पैसे डालने को कहा. मामला बेहद गंभीर था, इसलिए तुरंत पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए बिछाया जाल
इसके बाद पुलिस ने कॉलर को पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया. इस मामले की जांच की जिम्मेदारी DBG रोड और साइबर थाना की संयुक्त टीम को दी गई. टेक्निकल टीम ने एडवांस्ड साइबर टूल्स से व्हाट्सएप कॉल और QR कोड की जांच की. पता चला कि ट्रांजैक्शन का सोर्स थाईलैंड है. साथ ही क्रिप्टो मनी ट्रेल को भी ट्रैक किया गया. इसी बीच दूसरी टीम ने दिल्ली में आरोपियों के ठिकानों पर नजर रखी. जैसे ही आरोपी थाईलैंड से भारत लौटे, उन्हें धर दबोचा गया.
कौन हैं आरोपी?
पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है., जिसमें पहला आरोपी सुमित है. ये वेस्ट पंजाबी बाग का रहने वाला है. इसने बी.कॉम किया हुआ है और ज्वैलरी का काम करता है. दूसरा आरोपी प्रिंस है. ये रोशनारा रोड का रहने वाला है, इसने पढ़ाई 9वीं तक की है. आखिरी आरोपी नितीश है. ये DLF कैपिटल ग्रीन, मोती नगर का रहने वाला है. चौंकाने वाली बात ये है कि आरोपी प्रिंस लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स कर चुका है.
आरोपियों ने खोले राज
तीनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे भारी कर्ज में डूबे हुए थे और जल्दी पैसा कमाने के लिए उन्होंने ये प्लान बनाया. आरोपी सुमित पीड़ित को पहले से जानता था, उसने ही टारगेट को चुना. डराने के लिए उन्होंने एक गैंगस्टर का नाम इस्तेमाल किया. पकड़े न जाएं, इसलिए सभी थाईलैंड गए. वहां से इंटरनेशनल सिम खरीदा और व्हाट्सएप कॉल की.
DCP सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट, निधान वाल्सन ने कहा ,'ये मामला दिखाता है कि कर्ज और लालच इंसान को गलत रास्ते पर ले जा सकते हैं. चाहे आरोपी कितना भी चालाक क्यों न बने, दिल्ली पुलिस की साइबर टीम तकनीक के जरिए हर अपराधी तक पहुंचने में सक्षम है.'
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